पटना 19 अक्टूबर। बिहार की राजधानी पटना में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने संजीव हंस को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया, जबकि गुलाब यादव को दिल्ली के एक रिसॉर्ट से पकड़ा गया। इस गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है।
ईडी के अनुसार, संजीव हांस ने पंजाब के मोहाली और कसौली में करोड़ों की बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, हंस और यादव लंबे समय से बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। हंस के करीबी माने जाने वाले विधायक गुलाब यादव भी उनके साथ गिरफ्तार किए गए हैं।
बिहार की विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) भी इस मामले की जांच कर रही है। ईडी की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर 14 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था। एसवीयू की एक टीम भी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दी गई जानकारी की जांच कर रही है। इस केस में हांस, यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
बताते चले कि यह पहली बार नहीं है जब संजीव हांस और गुलाब यादव पर ईडी ने कार्रवाई की है। इससे पहले भी एजेंसी ने बिहार, दिल्ली और पुणे में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई थी। इन छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज और सबूत जुटाए गए थे। इसके बाद से ही संजीव हंस के खिलाफ ईडी की जांच जारी है।
बता दें कि संजीव हंस का विवादों से पुराना नाता रहा है. पिछले दिनों सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर रेप का आरोप भी लग चुका है. बता दें कि संजीव हंस के साथ-साथ आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ऊपर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था.
कौन हैं गुलाब यादव?
मधुबनी की झंझारपुर सीट से पूर्व विधायक गुलाब यादव पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में थे. हाल ही में हुए 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें आरजेडी से टिकट नहीं मिला. झंझारपुर सीट गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के हिस्से में चली गई थी. ऐसे में गुलाब यादव बीएसपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतर गए थे. हालांकि, उन्हें चुनावी रण में कामयाबी नहीं हासिल हो सकी. बता दें कि गुलाब यादव सियासत के मजबूत खिलाड़ी माने जाते हैं. उनकी पत्नी अंबिका गुलाब यादव को समर्थन नहीं मिला तो उन्होंने अपने बूते पर स्थानीय निकाय क्षेत्र से एमएलसी बनवा दिया. अंबिका यादव ने बीजेपी उम्मीदवार को मात दे दी थी. इसके अलावा गुलाब यादव की बेटी बिंदु गुलाब यादव जिला परिषद की अध्यक्ष हैं.