बेंगलुरू 29 मार्च। बेंगलुरू में टेक एक्सपर्ट ने घरेलू विवाद के दौरान पत्नी को चाकू घोंपने के बाद उसका शव ठिकाने लगाने की नीयत से उसकी बॉडी को सूटकेस में ठूंस दिया था. अब उस मामले में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस ने शुरुआत में अनुमान लगाया था कि ये एक कोल्ड ब्लडेड मर्डर यानी कत्ल की पूर्व नियोजित सोची समझी साजिश है. राकेश और गौरी आपस में रिश्तेदार थे. स्कूलिंग के दौरान प्यार हुआ आगे वो चार साल तक लिव-इन में रहे. दो साल पहले परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ उन्होंने शादी की थी. गौरी का अंतिम संस्कार हो गया है.
मामले की जांच में खुलासा हुआ कि पति राकेश ने पत्नी गौरी के जिंदा रहते हुए उसे सूटकेस में ठूंसने के बाद डोड्डाकम्मनहल्ली स्थित घर से बैग की ट्रॉली को बाहर खींचने की कोशिश की थी लेकिन ऊसी दौरान सूटकेस का हैंडल टूट गया, तो उसने लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बदल दिया. आगे वो सूटकेस को बाथरूम में ले गया था. मामले की जांच पर नजर रखे हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘राकेश ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे वो ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि वह बिल्कुल ठीक है और वो बीमारी का नाटक करके सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहा है और पुलिस को बार-बार गुमराह कर रहा है. ऐसा लगता है कि वह पत्नी को मारने की योजना बनाकर ही उसे बेंगलुरु लाया था.
बताते चलें कि राकेश और गौरी एक महीने पहले ही मुंबई से बेंगलुरु शिफ्ट हुए थे. दोनों अलग-अलग निजी फ़र्म में काम करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी. आगे राकेश, बेंगलुरु में एक टेक फ़र्म में वर्क फ्रॉम होम की जॉब पाने में कामयाब हो गया था, जबकि गौरी को अभी तक नौकरी नहीं मिल सकी थी.
राकेश ने पुलिस को बताया रात 9 बजे के आसपास मामूली बात पर झगड़ा शुरू हुआ था. आगे राकेश ने गौरी को थप्पड़ मारा तो गुस्से में गौरी ने रसोई का चाकू उठाकर उस पर फेंका जिससे उसे चोट आ गई. फिर गुस्से में आकर उसने चाकू उठाया और गौरी की गर्दन पर दो बार और पेट पर एक बार वार किया. पति राकेश के शरीर पर गौरी के नाखूनों के निशान बताते हैं कि उसने जान बचाने के लिए पूरी कोशिश होगी. उसका विरोध किया होगा, लेकिन राकेश ने पहले उसका मुंह बंद किया, फिर चाकू से घोंपा तो गौरी के शरीर से खून बहने लगा और वो बेहोश होने लगी. तब राकेश ने एक ट्रॉली सूटकेस लिया और उसमें बीबी को ठूंस दिया.
घटनास्थल पर हमें उसकी नाक और मुंह से बड़ी मात्रा में बलगम मिला. बलगम तभी निकलता है जब व्यक्ति जीवित हो; अगर व्यक्ति मर चुका है और उसमें बलगम भरा हुआ है, तो बलगम बाहर नहीं आएगा. इसलिए फॉरेंसिक टीम और पुलिस को संदेह है कि गौरी की मौत सूटकेस के अंदर ही हो गई थी. पुलिस ने बताया कि उसने लाश के साथ ट्रॉली ले जाने की कोशिश की लेकिन हैंडल टूटने से उसका प्लान फेल हो गया. फिर वो ट्रॉली को बाथरूम में ले गया और घर को बाहर से लॉक करके गुरुवार रात करीब पौने एक बजे अपनी होंडा सिटी कार में कहीं भाग गया.
राकेश मुंबई जाकर अपने माता-पिता से मिलना चाहता था. शहर से बाहर निकलने से पहले उसने अपना फोन बंद किया. पुणे के रास्ते में उसने फोन ऑन किया. उसने गौरी के भाई गणेश को शाम करीब 4 बजे फोन करके बताया कि उसने गौरी की हत्या कर दी है ये बताकर उसने अपना फोन बंद कर दिया. गौरी के भाई ने महाराष्ट्र में स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने हुलीमावु के पुलिस निरीक्षक बी.जी. कुमारस्वामी को सूचित किया तो मामले की पड़ताल करने एक टीम बेंगलुरू स्थित घर पहुंची.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक राकेश ने अपने घर के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले किराएदार प्रभु सिंह को फोन करके बताया कि उसकी पत्नी ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली है. उसने इस बारे में पुलिस और बिल्डिंग के मालिक को बताने को कहा. प्रभु सिंह ने मकान मालिक को फोन किया. उसने पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल किया. पुलिस पहुंची बंद घर का दरवाजा तोड़ा गया और पुलिस को कोई भी लटका हुआ नहीं मिला. हालांकि, उन्हें सूटकेस में गौरी का शव मिला.