asd समाजसेवी संस्था की आड़ में मानव तस्करी, 11 साल में 15,000 लड़कियों को बेचा

समाजसेवी संस्था की आड़ में मानव तस्करी, 11 साल में 15,000 लड़कियों को बेचा

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कानपुर 11 अप्रैल। अगवा कर राजस्थान के जयपुर में बेची गई किशोरी के मिलने और खरीदने वाली महिला के पकड़े जाने के बाद बड़ा राजफाश हुआ है। आरोपित महिला जयपुर में गायत्री सर्व समाज फाउंडेशन के नाम से समाजसेवी संस्था चलाती है और सामूहिक विवाह कराने की आड़ में मानव तस्करी गिरोह चला रही थी। पुलिस ने महिला समेत 2 लोगों को अरेस्ट किया है। पुलिस अब सौरभ, उसकी पत्नी, महिला मित्र सुमन व पलक के साथ ही किशोरी से विवाह करने वाले नरोत्तम की भी तलाश कर रही है।

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि वह मानव तस्करी का गिरोह चला रही थी। वर्ष 2014 से अब तक 15000 से ज्यादा लड़कियों को सामूहिक विवाह के लिए बेच चुकी है। किशोरी को उसने ढाई लाख रुपये में खरीदा था और धोखे से उसकी शादी करा दी। वह बचकर भाग निकली और स्वजन को जानकारी दी।

एसीपी चित्रांशु गौतम ने बताया कि आरोपितों द्वारा करीब 15 हजार शादियां कराए जाने का तथ्य प्रकाश में आया है। खरीद-फरोख्त कितने मामलों में हुई, इसकी जांच की जा रही है।

नौबस्ता क्षेत्र निवासी एक मजदूर की 16 वर्षीय बेटी पड़ोसी सौरभ मिश्रा की छोटी बेटी को पढ़ाती थी। सौरभ की पत्नी ने 29 मार्च को बाजार चलने के बहाने किशोरी को घर बुलाया। किशोरी पहुंची तो घर में सौरभ व उसकी दो महिला मित्र पलक व सुमन ही मिलीं। किशोरी ने सौरभ की पत्नी को फोन किया तो उसने कहा कि तुम सौरभ के साथ चली जाओ। किशोरी सौरभ व उन दो महिलाओं के साथ कार से चली गई। रास्ते में उन लोगों ने किशोरी को पनीर खिलाया, जिससे वह बेहोश हो गई। होश आया तो रात हो गई थी।

सौरभ से पूछने पर उसने कहा कि रिश्तेदार के घर जा रहे हैं। वह उसे जयपुर के खोनागुरिया के प्रेमनगर निवासी गायत्री नाम की महिला के फार्म हाउस लेकर पहुंच गए। उसे खाना खिलाया गया, जिसके बाद वह फिर बेहोश हो गई। होश आया तो वह राजस्थान के सीकर में नरोत्तम नाम के युवक के घर में थी। उसे बताया गया कि सामूहिक विवाह समारोह में नरोत्तम से उसका विवाह हुआ है। उसे फोटो भी दिखाई गई। किशोरी ने आत्महत्या की धमकी दी तो नरोत्तम उसे गायत्री के फार्महाउस ले गया। वहां नरोत्तम और गायत्री के बीच ढाई लाख के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ, तब पता चला कि उसे सौरभ ने 1.30 लाख में गायत्री को बेचा था, जबकि गायत्री ने ढाई लाख रुपये में नरोत्तम को बेचा।

विवाद होने पर गायत्री उसे किसी तीसरे व्यक्ति को बेचने की तैयारी कर रही थी। इस दौरान वहां करीब चार साल से बंधक शबाना ने किशोरी को बाहर निकलने में मदद की। बाहर निकलकर उसने एक व्यक्ति के मोबाइल फोन से स्वजन को जानकारी दी। वह पास के बस्सी थाने पहुंची और पुलिस को भी बताया।

हंसपुरम चौकी प्रभारी ललित प्रताप सिंह ने बताया कि जयपुर से गायत्री व उसके ड्राइवर हनुमान सिंह को गिरफ्तार किया गया है। कोलकाता निवासी शबाना को भी मुक्त कराया गया।

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