इस साल सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक मेला नौचंदी कैसा रहा यह एक अलग बात है लेकिन मेले के पटेल मंडप में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने आए ट्रांसजेंडर देविका देंवंेद्र को सार्वजनिक रूप से जिस प्रकार से सुभारती विवि की प्रोफेसर भावना ग्रोवर, पिंटू मिश्रा और इनकी टीम के सदस्यों के खिलाफ जनमानस में बढ़ते रोष को देखते हुए प्रशासन और सुभारती विवि कार्रवाई करें और इन तीनों से ट्रांसजेंडर देविका देवेंद्र से सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई जाए। क्योंकि संविधान में किसी को भी अपमानित करने का अधिकार किसी को नहीं दिया गया है। पिछले कुछ सालों में सरकार द्वारा इस वर्ग के लिए विशेष सुविधाएं घोषित की गई है और इन्हें मान्यता दी गई है। इसे ध्यान में रखते हुए जल्द मेले के आयोजकों को भी देविका देवेंद्र से संपर्क कर इस असभ्यता के लिए सॉरी बोलना चाहिए। इससे संबंध खबर के अनुसार ऐतिहासिक नौचंदी मेले के पटेल मंडप में कार्यक्रम पेश करने आए ट्रांसजेंडर को सुभारती विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा सार्वजनिक रुप से अपमानित किये जाने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री और मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गयी है। मामले को लेकर आंदोलन की चेतावनी भी दी गयी है। सामाजिक कार्यकर्ता ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के साथ ही उनके ट्वीटर पर भी मामले में शिकायत दर्ज करायी गयी है। ठाकुर ने पत्र के जरिये कहा कि नौचंदी मेला परिसर स्थित पटेल मंडप में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने के लिए लखनऊ निवासी ट्रांसजेंडर देविका देवेंद्र को सार्वजनिक रूप से लिंगसूचक आपतिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज व धक्का-मुक्की कर एक ट्रांसजेंडर कलाकार के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया। कार्यक्रम करने से सुभारती विश्वविद्यालय की प्रो. भावना ग्रोवर, पिंटू मिश्रा व इनकी टीम द्वारा रोका गया और घोर अपमान किया, जहां जनता, मीडिया और अन्य स्थानीय प्रदेश की जनता, अधिकारी भी मौजूद थे। यह ट्रांसजेंडर कलाकार देविका देवेन्द्र ही नहीं, सभी ट्रांसजेंडर समुदाय का अपमान है। मांग की कि ट्रांसजेंडर देविका देवेन्द्र के मौलिक अधिकारों का हनन करने वालो भावना ग्रोवर, पिंटू मिश्रा व अन्य के विरुद्ध ठोस कानूनी कार्रवाई की जाये और इनके विरुद्ध रासुका लगाई जाये । ये सिर्फ ट्रांसजेंडर का ही अपमान नहीं, संविधान, उत्तर प्रदेश सरकार और भारत के निवासियों का अपमान है। ये राष्ट्र अपमान की श्रेणी में आता है। इसके साथ ही मानवाधिकार आयोग से भी मामले में शिकायत की गयी है।
मेरा मानना है कि हर नागरिक के अपने अधिकार है और सम्मान है। इसलिए सबके सम्मान की रक्षा के लिए प्रदेश सरकार और मानवाधिकार आयोग के साथ ही नागरिकों को भी इस बारे में कार्रवाई की मांग उठानी चाहिए। अगर माफी नहीं मांगी जाती तो सामाजिक कार्यकर्ताओं को यह मामला अदालत ले जाना चाहिए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
मानवाधिकार आयोग व सरकार दे ध्यान! सुभारती के दोषी प्रोफेसर पिंटू व भावना ट्रांसजेंडर देविका से सार्वजनिक रूप से मांगे माफी
0
Share.