जाली करेंसी आम आदमी के लिए जान का बवाल बनती जा रही है क्येांकि इसे रोकने के लिए जिम्मेदार शायद अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तौर पर नहीं निभा रहे हैं वरना बैंकों में जाली नोटों का पहुंचना सोचनीय विषय है। बैंककर्मियों को जाली करेंसी की पहचान समझाई जाती है और वहां मशीनें नकली करेंसी पहचान लेती है उसके बावजूद एक्सिस बैंक की शाखा में लाखों की जाली करेंसी कैसे पहुंच गई यह विषय सोचनीय है। एक खबर के अनुसार ताजा मामला एक्सिस बैंक का सामने आया है, जहां महज तीन माह के भीतर दो लाख रुपये की जाली करेंसी पहुंच गई। इस मामले में मैनेजर की ओर से सिविल लाइन थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। मेडिकल थाना क्षेत्र के मंगल पांडेय नगर में एक्सिस बैंक का करेंसी चेस्ट है। वर्तमान में दिल्ली निवासी गौरव शर्मा इसमें प्रबंधक के रूप में तैनात हैं। थाने में दी तहरीर में गौरव शर्मा ने कहा कि एक्सिस बैंक करेंसी चेस्ट से जनपद की 190 एक्सिस बैंक शाखा जुड़ी हैं। ग्राहक अपना रुपया बैंकों में जमा करते हैं और वहां से वह निरीक्षण के लिए बैंक द्वारा करेंसी चेस्ट भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि 1 मई से 31 जुलाई के बीच विभिन्न बैंकों से करेंसी चेस्ट में बड़ी धनराशि जमा कराई गई, जिसमें 206720 रुपये की जाली करेंसी पकड़ी गई। उन्होंने कहा कि जाली करेंसी में 500 रुपये के 296 नोट, 200 रुपये के 155 नोट, 100 रुपये के 254 नोट, 50 रुपये के 46 नोट और 20 रुपये का एक नोट मिला है। इंस्पेक्टर महावीर सिंह का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
बैंकों में कैसे पहुुंच रही है जाली करेंसी, रिजर्व बैंक दे ध्यान, दोषी बख्शे ना जाए
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