चंडीगढ़ 30 जनवरी। चंडीगढ़ के सिटिंग मेयर कुलदीप कुमार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है. अब वो बिना गिरफ्तारी के डर से नगर निगम चुनाव में वोट डाल सकेंगे. दरअसल, वोटिंग से पहले मेयर कुलदीप कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत और मेयर चुनाव के दौरान वोट करने की हाई कोर्ट से अनुमति मांगी थी. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के मेयर कुलदीप कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में देर रात याचिका दायर की थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस दिया है। प्रशासन से छह फरवरी तक जवाब मांगा गया है।
रामदरबार निवासी एक युवक ने एसएसपी विंडो पर शिकायत दी थी कि मेयर कुलदीप कुमार और उनके साले ने 75 हजार रुपये लेकर नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
रामदरबार निवासी रवि बिडला ने एसएसपी विंडो पर आम आदमी पार्टी के मेयर कुलदीप कुमार उर्फ टीटा और उनके साले राहुल चनालिया के खिलाफ शिकायत दी थी। रवि ने बताया कि राहुल ने उसे कंट्रैक्ट पर नौकरी लगवाने की एवज में डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी। इसके बाद आरोपी ने ऑनलाइन 75 हजार रुपये राहुल को ट्रांसफर किए।
रवि ने बताया कि नौकरी लगने के लिए उसकी मेयर कुलदीप कुमार से भी मुलाकात हुई थी। रवि ने बताया कि राहुल उसे ड्राइवर की नौकरी लगवाने की बात कर रहा था, लेकिन वह सफाई कर्मचारी की नौकरी लगना चाहता था। पैसे लेने के बाद न तो उसे नौकरी लगवाया गया और न ही रुपये वापस किए गए। उसने लोगों से उधार में पैसे लेकर राहुल को दिए थे। ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए रुपयों के उसके पास स्क्रीन शॉट भी हैं। साथ ही राहुल से वार्तालाप की 15 ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है। जिसमें वह नौकरी लगवाने की बात बोल रहा है। राहुल ने यह भी कहा कि फोन पर बात करना सही नहीं है, आज कल विजिलेंस और सीबीआई बहुत एक्टिव है।
वहीं मेयर ने कहा था कि जिसे मेरा साला बताया जा रहा है, उसे तो परिवार ने बहुत पहले अपनी संपत्ति से बेदखल किया हुआ है। हमारे परिवार में से किसी से उसकी बात भी नहीं होती है। मेरा नाम जानबूझ कर उछाला जा रहा है, क्योंकि मेयर चुनाव हैं। ये मेरे खिलाफ एक षड्यंत्र है।