नई दिल्ली 18 जून।अमरनाथ यात्रा के लिए इस साल हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगा दी गई है. बताया जाता है कि सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए एहतियातन यह कदम उठाये गये हैं. सुरक्षा मामले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
गृह मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर जाने वाले सभी मार्गों को 1 जुलाई से 10 अगस्त, 2025 तक नो-फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया है. खुफिया एजेंसियों द्वारा आतंकी खतरे की सूचना के मद्देनजर हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसी चौकस है.
इस बीच, गृह मंत्रालय ने 38 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान समग्र सुरक्षा समन्वय के लिए एक एकीकृत सुरक्षा डेस्क स्थापित किया है. यह डेस्क सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ खुफिया ब्यूरो के साथ समन्वय करेगी. यह डेस्क चौबीसों घंटे काम करेगी.
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होगी. 38 दिनों की होगी. यह यात्रा पिछले वर्ष की 52-दिवसीय तीर्थयात्रा की तुलना में कम है. वार्षिक तीर्थयात्रा 8 अगस्त को संपन्न होगी. यात्रा के दौरान काफिले की सुरक्षा के लिए जैमर भी तैनात किए जाएंगे. यात्रा मार्ग पर केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों की 580 से अधिक कंपनियां तैनात की जाएंगी.
मंगलवार को गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन कुमार डेका ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से शुरू होगी, जिसमें अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा छोटा बालटाल मार्ग शामिल है.
तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 2 जुलाई को भगवती नगर शिविर से कश्मीर के लिए रवाना होगा और उसी दिन पहलगाम मार्ग पर नुवान और सोनमर्ग मार्ग पर बालटाल में जुड़वां आधार शिविरों तक पहुंचेगा.