भले ही जीवन बीमा पॉलिसी को लेकर अभी देश में बहुत बड़ी जागरूकता खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं है। लेकिन अगर विचार किया जाए तो हर व्यक्ति को हेल्थ और जीवन बीमा पॉलिसी लेनी चाहिए। वो बात और है कि जितना वो भुगतान कर सकते हैं उतने की योजना बनाएं। क्योंकि अगर किसी वजह से कोई दुर्घटना हो जाती है तो यह पॉलिसी उस समय वरदान साबित होती है तो नवीनीकरण में हेल्थ पॉलिसी में छूट मिलती है और जीवन बीमा पॉलिसी में पूरा पैसा अवधि पूरी होने पर मिल जाता है। इस क्षेत्र में सक्रिय निजी कंपनियां और उद्योगपति व सरकार भी हेल्थ और जीवन बीमा पॉलिसी में हर वर्ष कुछ ना कुछ छूट देने की कोशिश करते हैं जिससे आम आदमी का ध्यान इस तरफ जाए और वो अपने और परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सके। एक खबर के अनुसार बीमा नियामक इरडा स्वास्थ्य बीमा की गलत बिक्री रोकने के लिए बड़ा बदलाव कर सकता है जिसके तहत बीमा खरीदते वक्त ग्राहक का वीडिया सत्यापन होना अनिवार्य है। जिसमें 55 वर्ष के अधिक आयु वाले लोगों को शामिल करने की उम्मीद की जा रही है।
मेरा मानना है कि सरकार वृद्ध नागरिकों का 50 साल से ज्यादा की उम्र में अपने खर्चे पर स्वास्थ्य और जीवन बीमा कराए। जब हम विदेशों की बात करते हैं तो हमें कुछ सुविधाएं भी नागरिकों को वहां के हिसाब से देनी चाहिए क्योंकि हमारे यहां टैक्स वसूली नागरिकों से होती है। मैं यह भी समझता हूं कि बीमा कंपनियां जो एक उम्र सीमा के बाद या तो आम आदमी बीमा ही नहीं करती अथवा उनसे ली जाने वाली किश्त इतनी महंगी कर दी जाती है जो हर व्यक्ति देने में समर्थ नहीं होता। इसलिए 50 साल से उपर के नागरिकों का बीमा किए जाने की नीति बनानी चाहिए और किश्त बढ़ाने की बजाय कम की जाए क्योंकि इस उम्र के बाद आदमी उतना काम नहीं करता। जितना जवानी में करता है। सरकारी कर्मचारी भी 60 साल में सेवानिवृत हो जाता है इसलिए आमदनी कम होने के चलते बढ़ी किश्त देना उनके लिए संभव नहीं होता और वह बीमा नहीं कराते जिससे सरकार की वृद्धों के प्रति जो योजनाएं बनाई जाती है उनका कोई मतलब नहीं रह जाता है। कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि हम विदेशी व्यवस्थाआें का गुणगान अगर नागरिकों को सरकार हित में प्रेरित करने के लिए करते हैं तो हमें वहां मिलने वाली सुविधाएं भी अपना यहां के वृद्धों को उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहना होगा। सिर्फ यह कहने से बीमा कंपनियां का काम चलने वाला नहीं है कि वह अधिक उम्र वालों की परेशनियों समाप्प्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
50 साल से ज्यादा की उम्र वालों का सरकार कराए निशुल्क हेल्थ और जीवन बीमा, इस क्षेत्र में सक्रिय कंपनियों को घटानी चाहिए किश्त और बढ़ाए सुविधा
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