देशवासी अभी तक आने वाली बाढ़ से ही परेशान रहते हैं क्योंकि इसके प्रकोप से जनजीवन ठप हो जाता था लेकिन अब गांवों और शहरों के साथ ही महानगरों में प्रमुख स्थान बारिश पड़ने पर जलभराव से परेशान है। किसी की बेटी का रिश्ता नहीं हो रहा। कोई काम पर नहीं जा रहा तो कोई चोटिल हो रहा है। यह समस्या बढ़ती ही जा रही है।
गुवाहाटी में नागरिकों की मदद के लिए और बाढ़ से बचाने के लिए भारतीय सेना ने अभियान शुरू किया है। अभी तक 3820 लोगेां को बचाया जा चुका है। दूसरी तरफ हरियाणा के गुरूग्राम में बारिश का पानी भरने से करंट लगने से तीन लोगों की मौत हो गई और आईटी कंपनी का काम प्रभावित हो रहा है। राजस्थान के कई शहरों में बारिश से जनजीवन प्रभावित है। शहरों में नाव चलानी पड़ रही है।
यूपी के मेरठ में जलभराव और नालों की गंदगी से नाराज पार्षदों ने अधिकारियों का घेराव किया। इसी जनपद में बारिश की दुश्वारियां टूटी सड़कें और पानी भरा होने से कई लोग घायल हो गए और वाहनों में नुकसान हो रहा है। दिल्ली रोड की नवीन मंडी का कुछ हिस्सा तालाब लगने लगा है। गढ़ रोड पर जलभराव के चलते लोगों को परेशानी हो रही है। मरीजों को मेडिकल अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो रहा है तो कचहरी कलक्ट्रेट में भी जलभराव से आना जाना मुश्किल हो रहा है। जगह जगह जलभराव और गंदगी से लोगों को परेशानियां हो रही है। यह समस्या किसी एक प्रदेश और जिले की नहीं है। पूरे देश में असुनोयित तरीकें से सड़कों का निर्माण और कूड़ा ना उठने से यह समस्या नागरिकों के विकराल बनती जा रही है। उसके लिए केंद्र व प्रदेश के नगर विकास मंत्रालयों को सख्त निर्णय लेकर स्थानीय निकायों के अधिकारियों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए और जो अपने काम को सही तरीके से अंजाम नहंीं दे रहा और जिनके कारण यह जलभराव हो रहा है उन्हें सेवानिवृति भी दी जा सकती है क्योंकि युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं। अगर उन्हें जिम्मेदारी दी जाए तो वह सकरात्मक तरीके से निभा सकते है। बरसात में नाले नालियों को साफ करा दिया जाए तो यह जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। वर्तमान में तालाब बनते जा रहे कुछ क्षेत्रों के नागरिकों को राहत दिलाने का यही मौका है। सरकार को इस पर तुरंत फैसला लेना चाहिए। क्योंकि विभागीय अधिकारियों से तो कोई उम्मीद नहीं नजर आती है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सरकारी बाबू भाषण ही देते रहे शहर और गांव बारिश में तालाब बन गए हैं, केंद्र व प्रदेश के नगर विकास मंत्री और अधिकारी दें ध्यान
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