प्रयागराज 28 मई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस में कार्यरत 2001 बैच के दरोगाओं एवं वर्तमान समय में पुलिस निरीक्षक पद पर कार्यरत लोगों बड़ी राहत देते हुए उनकी ट्रेनिंग अवधि को सेवा में जोड़ने का निर्देश दिया है. साथ ही 16 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके दरोगा पद पर नियुक्त पुलिसकर्मियों को द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान ग्रेड-पे 5400 रुपये (पुलिस उपाधीक्षक) का देने के सम्बन्ध में छह सप्ताह में कानून के तहत स्पष्ट आदेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने पुलिस इंस्पेक्टर जगदम्बा सिंह व अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम की बहस सुनने के बाद प्रकरण निस्तारित करते हुए दिया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं एडवोकेट श्याम शरण का तर्क था कि हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश और बाद में जारी शासनादेशों के बावजूद विभाग कुछ नहीं कर रहा है. प्रशिक्षण अवधि को द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान देने के लिए नहीं जोड़ा जा रहा है, जबकि याची इसके हकदार हैं. याची पुलिस निरीक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2001 में दरोगा पद पर हुई थी. वर्ष 2016 में उन्हें निरीक्षक पद पर पदोन्नति दी गई. सभी याचियों की सेवा 16 साल से ज्यादा की हो चुकी है लेकिन उन्हें द्वितीय वेतनमान ग्रेड-पे 5400 रुपये नहीं दिया जा रहा है और न ही उनकी ट्रेनिंग अवधि को सेवा में जोड़ा गया. जबकि संशोधित शासनादेश 26 अगस्त 2015 में यह व्यवस्था की गई है कि ऐसे राज्य कर्मचारी जिन्होंने सीधी भर्ती के पद पर प्रथम नियुक्ति की तिथि से 16 वर्ष सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें द्वितीय वेतनमान/ग्रेड पे प्रदान किया जाएगा.
वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम का कहना था कि अपर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद द्वारा जारी सर्कुलर दिनांक 17 मार्च 2012 में यह स्पष्ट कहा गया है कि आरक्षी के पद का ग्रेड वेतन 2000/- रुपए है। मुख्य आरक्षी के पद का ग्रेड वेतन 2400/- रुपए है। उपनिरीक्षक के पद का ग्रेड वेतन 4200/- रुपए है। निरीक्षक के पद का ग्रेड वेतन 4600/- रुपए है एवं पुलिस उपाधीक्षक के पद का ग्रेड वेतन 5400/- रुपए अनुमन्य है।
पुलिस मुख्यालय के उक्त सर्कुलर में यह भी स्पष्ट उल्लिखित किया गया है कि पुलिस बल के कार्यकारी बल में ग्रेड वेतन 2800/- रूपया एवं ग्रेड वेतन 4800/- के पद उपलब्ध नहीं है, अर्थात उक्त दोनों ग्रेड वेतन नॉन फंक्शनल वेतनमान के है।
सभी याची गण वर्ष 2001 में उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्ति हुये थे, तत्पश्चात् वर्ष 2016 में निरीक्षक के पद पर पदोन्नति हुये एवं सभी याची गणों की सेवायें 16 वर्ष से ज्यादा की हो चुकी है।
अतः पुलिस मुख्यालय के सर्कुलर दिनांक 17 मार्च 2012 के परिप्रेक्ष्य में द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान पुलिस उपाधीक्षक के पद का ग्रेड पे 5400 रुपए पाने के हकदार है।
याचिका में कहा गया था कि लाल बाबू शुक्ला के केस में हाईकोर्ट ने यह व्यवस्था प्रतिपादित की है कि पुलिस कर्मियों की प्रशिक्षण अवधि को सेवा में जोड़कर प्रोन्नति वेतनमान दिया जाय।