asd गिरिजा नंद, रश्मि व डा0 तुलसी को 46वां जमनालाल बजाज पुरस्कार

गिरिजा नंद, रश्मि व डा0 तुलसी को 46वां जमनालाल बजाज पुरस्कार

0

हजारीबाग 16 नवंबर। शहर के मटवारी निवासी नवभारत जागृति केंद्र के संस्थापक और अध्यक्ष गिरिजा नंदन गिरिजा सतीश को रचनात्मक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिये जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बुधवार को मुंबई के गिरगाव स्थित दि रॉयल ऑपेरा हाउस में जमनालाल बजाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अभय बंग के हाथों उन्हें यह सम्मान मिला. इस पुरस्कार में ट्रॉफी और साइटेशन के साथ 20 लाख रुपए की सम्मान राशि उन्होंने प्राप्त करने के बाद अपने संबोधन में गिरिजा सतीश ने कहा कि गौरवान्वित करने वाला यह पुरस्कार एनबीजेके के सभी संस्थापक सदस्यों, कार्यकारिणी आमसभा सदस्यों, कार्यकर्ताओं और उन सभी दानदाताओं का है, जिनके सहयोग से हम समाज के लाखों गरीब, दलित और जरूरतमंद लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हुए हैं.
उन्होंने जमनालाल बजाज अवार्ड समिति के सदस्यों के प्रति आभार प्रकट करते हुए इस सम्मान को गांधीवादी मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया. गिरिजा सतीश ने दुनिया के कई हिस्सों में निर्दोषों की बलि ले रही लड़ाइयों के पीछे छिपे संकीर्ण राष्ट्रवाद, समुदायवाद और नस्लवादी प्रवृत्तियों पर चिंता जतायी और कहा कि गांधीजी के सर्वोदय के सिद्धांत और शांतिपूर्ण तरीकों से ही इसका समाधान हो सकता हैं. उन्होंने व्यभिचार, हत्या, महिला प्रताड़ना, बलात्कार आदि जघन्य अपराधों को रोकने हेतु सरकार से अपील करते हुए कहा कि आर्थिक नुकसान सहकर भी भारत में शराबबंदी और नशाबंदी लागू किया जाए ताकि भारत नीतिवान नागरिकों वाला एक विकसित राष्ट्र बन सके. 46वें जमनालाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित गिरिजा सतीश ने विकास कार्यों संबंधी अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किसी मॉडल विकास योजना को पूरे देश या राज्य में लागू करने से बेहतर यह होगा कि व्यक्ति अथवा परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखकर उसे मदद मिले तो कम खर्च में ज्यादा उपलब्धि हासिल हो सकती हैं.

कार्यक्रम में इनके साथ ग्रामीण विकास में विज्ञान-तकनीक के प्रयोग हेतु उत्तराखंड के अवनी सोसाइटी की संस्थापक रश्मि भारती, महिला-बाल विकास व कल्याण कार्यों हेतु ओडीशा की डॉ तुलसी मुंडा और भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों के प्रोत्साहन हेतु कांगो स्थित गाधियन मोंक कम्युनिटी के रेवरेंड एरिक कुमेडिसा को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में शामिल मुख्य अतिथि डॉ अभय बंग और पुरस्कार विजेताओं का स्वागत जमनालाल बजाज फाउंडेशन के अध्यक्ष शेखर बजाज ने किया. कार्यक्रम संचालन फाउंडेशन की मानद निदेशक मीनल बजाज ने किया. मंच पर सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ आरए माशेलकर, चयन समितियों के प्रमुख सुदर्शन अयंगार, डॉ अनिल गुप्ता, डॉ फिरोजा गोदरेज, श्रीमती अनु आगा उपस्थित थे. फाउंडेशन के ट्रस्टी मधुर बजाज द्वारा धन्यवाद ज्ञापनोपरांत कार्यक्रम समाप्त हुआ.

जमनालाल बजाज पुरस्कार, गांधीवादी विचारों को बढ़ावा देने के लिए दिया जाने वाला एक भारतीय पुरस्कार है, जो जमनालाल बजाज फाउंडेशन की ओर से दिया जाता हैं. इसकी स्थापना साल 1978 में हुई थी. यह पुरस्कार हर साल चार श्रेणियों में दिया जाता हैं. इस पुरस्कार से जुड़ी कुछ खास बातें इस पुरस्कार का मकसद, गांधीवादी विचारधारा के अनुरूप अनुरूप जमनालाल बजाज के परोपकारी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना हैं. इस पुरस्कार में, एक प्रशस्ति पत्र, एक ट्रॉफी और नकद पुरस्कार दिया जाता हैं. साल 2023 में, हर श्रेणी के लिए पुरस्कार राशि 20 लाख रुपये कर दी गई. इस पुरस्कार का समारोह जमनालाल बजाज की जयंती को आयोजित किया जाता हैं. इस पुरस्कार के लिए नामांकन, व्यक्ति या व्यक्तियों और संस्था या संस्थाओं द्वारा किया जा सकता हैं. इस पुरस्कार के लिए, स्व-नामांकन की अनुमति नहीं हैं. पहले से ही जमनालाल बजाज पुरस्कार पा चुके किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्यों के नामांकन पर विचार नहीं किया जाता.

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680