गाजियाबाद 19 जून। गाजियाबाद में मुरादनगर थाने के सामने युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। युवक, अपने पिता और भाई के साथ आरोपियों की शिकायत करने थाने पहुंचा था। थाने के बाहर आरोपियों ने उन्हें घेर लिया और युवक पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सीने में चार गोलियां मारीं।
गोलियों की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी दौड़कर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे। युवक को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि वारदात से पहले आरोपियों का युवक और उसके पिता से कार निकालने को लेकर झगड़ा हो गया था।
इसके बाद आरोपियों ने घर पहुंचकर युवक के घर पर दो राउंड फायरिंग की। इसकी सूचना पिता ने पुलिस को दी। थोड़ी देर बाद दरोगा पहुंचे और उन्हें थाने बुलाया। जैसे ही युवक अपने पिता और भाई के साथ थाने पहुंचा, आरोपी भी पीछे-पीछे आ गए और वारदात को अंजाम दे दिया।
बुधवार सुबह हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मुरादनगर थाने के सामने शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस अधिकारी लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है- जब तक हमलावर गिरफ्तार नहीं होते, धरना खत्म नहीं होगा।
इस मामले में पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने सीओ मुरादनगर शैलेंद्र सिंह तोमर, SI सूबे सिंह और बीट दरोगा मोहित सिंह को निलंबित कर दिया है। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।
रवि शर्मा मुरादनगर थाना क्षेत्र के मिल्क रावली गांव का रहने वाला था। 6 साल पहले रवि शर्मा की शादी हुई। दो बच्चे हैं। उनके पिता श्रीपाल शर्मा बीज भंडार की दुकान चलाते हैं। पिता श्रीपाल शर्मा ने बताया- भतीजी घर आई थी। रात 10 बजे वह वापस जा रही थी। मैं अपने बेटे के साथ उसे ऑटो में बैठाने गया। गांव के बाहर हमें ऑटो मिल गई।
कार को सड़क किनारे खड़ा करके हम भतीजी को ऑटो में बैठा रहे थे, तभी गांव का मोंटी आया। उसने पूछा- रास्ते में गाड़ी क्यों रोक रखी है? हमने कहा- तू अपने घर जा। इसी बात को लेकर विवाद हो गया। एक घंटे बाद वे लोग मेरे घर आए। दो गोलियां गेट पर मारीं।
हमने 112 नंबर पर कॉल किया। पुलिस आई तो दरोगा ने कहा-थाने में तहरीर दीजिए। मैं, दोनों बेटों और एक पड़ोसी युवक के साथ थाने तहरीर देने गया। हम तीनों लोग थाने के अंदर चले गए। बड़ा बेटा बाहर ही रह गया। तभी पीछे से मोंटी और अजय वहां पहुंच गए।
उन्होंने बेटे पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। गोलियों की आवाज सुनकर हम लोग भी दौड़कर पहुंचे। देखा तो बेटा खून से लथपथ तड़प रहा था। पुलिसवाले वीडियो बनाते रहे। उन्होंने कोई मदद नहीं की। हम बेटे को निवोक अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।