आगरा,21 मार्च। किसी भी बोर्ड अथवा यूनिवर्सिटी की मार्कशीट या प्रमाण पत्र हो, कुछ मिनटों में ही तैयार…। बस, इसके बदले 15 से 20 हजार रुपये प्रति दस्तावेज देने पड़ते थे…। यह फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने बुधवार रात को पारा इलाके से गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने लखनऊ में ही दो हजार से अधिक फर्जी मार्कशीट व प्रमाण पत्र तैयार कर वसूली की है। ये लोग वर्ष 2017 और वर्ष 2019 में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। एक आरोपी विकासनगर से वर्ष 2009 में भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद यह गिरोह से फिर से फर्जीवाड़ा करने लगा था। उनके पास से 51 विभिन्न शिक्षा बोर्ड, यूनिवर्सिटी की मार्कशीट्स, सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर सर्टिफिकेट व वेरिफिकेशन दस्तावेज, 2 लैपटॉप, चार मोबाइल फोन, चार फर्जी मोहर, एक कार और एक बाइक बरामद हुए है। एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक पकड़े गए सदस्यों में बलरामपुर के तुलसीपुर निवासी अल्ताफ राजा, आलमबाग निवासी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव और फैजुल्लागंज निवासी लक्ष्य राठौर शामिल है। आरोपी अल्ताफ राजा ने एसटीएफ को बताया कि वह अपने दिल्ली में डॉ. एसपी पाण्डेय के साथ फर्जी वेबसाइट बनाकर मार्कशीट व प्रमाण पत्र तैयार करता था। वर्ष 2017 में दिल्ली में डॉ. एसपी पाण्डेय के साथ गिरफ्तार हुआ था। छूटने के बाद वह वर्ष 2019 में फिर पकड़ा गया था।
कई फर्जी वेबसाइट बनाकर कर रहे थे काम
पूछताछ में पकड़े गए आरोपी अल्ताफ राजा ने बताया कि वह पहले दिल्ली में डॉ एसपी पांडेय के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट बनाकर मार्कशीट बनाने का काम करता था। वर्ष 2017 में पुलिस ने उसको और डॉ. एसपी पांडेय को गिरफ्तार किया था। इसके बाद वर्ष 2019 में लक्ष्य राठौर थाना चाणक्यपुरी दिल्ली में अन्य साथियों के साथ इसी मामले में जेल गया था। जेल से छूटने के बाद लखनऊ आकर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करने लगा। इस काम के लिए अल्ताफ ने गो डेडी और बिग रॉक पर bhsedelhi.org, bhsenewdelhi.org, bhsedelhiboard.net, technoglobaluniversitymp.org. dsosresults.co.in, riosupresults.org, bujhanshiresults.org, bssbpatnaresults.co.in, himalayanuniversityresults.com, hsebdelhi.org नाम से कुछ फर्जी वेबसाइड बनाई थी। गैंग के लोग इन वेबसाइट के माध्यम से फर्जी मार्कशीट अपलोड करते थे। फर्जी मार्कशीट के आधार पर लोग विभिन्न संस्थानों में नौकरी हासिल कर लेते थे। इतना ही नहीं आरोपी उनका ऑनलाइन व ऑफलाइन वेरीफिकेशन भी कर देता था।
कोरियर के माध्यम से भेजे थे फर्जी दस्तावेज
फर्जी मार्कशीट व अन्य दस्तावेज बनवाने वालों से जालसाज प्रति दस्तावेज 15 से 20 हजार रुपये वसूलते थे। रुपये मिलने के बाद आरोपी बताए गए पते पर कोरियर के माध्यम से फर्जी दस्तावेज भिजवा देते थे। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि अब तक लखनऊ में वह लोग करीब दो हजार से अधिक फर्जी दस्तावेज बना कर बेच चुके हैं। आरोपी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह फर्जी मार्कशीट बनाने के मामले में वह वर्ष 2009 में थाना विकासनगर से जेल गया था और उसके खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जा चुकी है। अब एसटीएफ इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में लगी है।