लखनऊ 13 जून। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है. साइबर क्राइम थाना, साइबर सेल, और पीजीआई थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 15 शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह श्रीलंका, सिंगापुर, और दुबई के बाद पिछले एक महीने से लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में एक अपार्टमेंट के पेंटहाउस से संचालित हो रहा था.
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह “अन्ना रेड्डी” नामक फर्जी गेमिंग ऐप और वेबसाइट के जरिए लोगों को ठगने का काम कर रहा था. गिरोह ऑनलाइन सट्टेबाजी और निवेश के नाम पर लोगों को लालच देकर उनके बैंक खातों में पैसे जमा करवाता था. एक बार रकम जमा होने के बाद पीड़ितों के खाते ब्लॉक कर दिए जाते थे, जिससे लोग न तो अपना पैसा निकाल पाते थे और न ही मुनाफा प्राप्त कर पाते थे.
डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ पूरे देश से 200 से अधिक शिकायतें दर्ज थीं, जिनमें अधिकतर शिकायतें दक्षिण भारत से प्राप्त हुई थीं. गिरोह विशेष रूप से दक्षिण भारत के लोगों को अपना निशाना बनाता था. यह गिरोह फर्जी सिम कार्ड, बैंक खातों, और डिजिटल उपकरणों का उपयोग करता था ताकि लेनदेन को ट्रेस करना मुश्किल हो. ठगी की रकम को कई खातों में घुमाकर तुरंत निकाल लिया जाता था, और इसके बाद डिवाइस और लोकेशन बदल दी जाती थी.
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अपराध कमेश दीक्षित ने बताया किलखीमपुर के पलिया स्थित सैय्यदपुर निवासी हरिप्रीत सिंह, बिहार के सिवान स्थित मैरवा निवासी अभिषेक कुमार राजभर, आशीष कुमार, सिवान के हुसैनगंज निवासी मन्नू कुमार, रितेश सिंह, इप्तेखार अली, शुभम सोनी, सोनू अली, बिहार के छपरा स्थित सहाजिदपुर निवासी रवि सिंह, करन कुमार, विकास कुमार, रितेश सिंह, संजीव कुमार और मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित खजुरी नाका निवासी मनीष कुमार और देवरिया के खामपार निवासी संदीप कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने इनके कब्जे से 70 मोबाइल फोन, 11 लैपटाप, नौ लैपटाप चार्जर, 16 चार्जर मोबाइल फोन, पांच बोर्ड चार्जर, नौ पैन कार्ड, एक वाईफाई कैमरा, 115 एटीएम/डेबिट कार्ड, 25 चेक बुक, 53 पासबुक, 38 सिम कार्ड खुला, 26 सिम कार्ड पैक समेत अन्य माल बरामद किए हैं.
आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना गन्नी उर्फ विशाल यादव और प्रिंस है, जिन्होंने इंटरनेट मीडिया के जरिए साइबर ठगी का तरीका निकाला था। पुलिस ने जिन खातों की जानकारी पाई, उन्हें फ्रीज करवा दिया। आरोपितों ने बताया कि वे नए लैपटाप और मोबाइल का इस्तेमाल करते थे और शिकायत मिलने पर उन्हें बदल देते थे। साथ ही वे अपना ठिकाना भी बदलते रहते थे।
हाल ही में आइपीएल मैच के दौरान गन्नी ने अपने साथियों को आनलाइन सट्टा खिलवाने के नाम पर ठगी करना सिखाया था, जिससे उन्होंने कई लोगों को अपना शिकार बनाया। पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों की ट्रैवेल हिस्ट्री से गिरोह के सरगना के बारे में पता चला। गिरोह का सरगना गन्नी विदेशों (श्रीलंका व सिंगापुर व अन्य देशों) में भी काल सेंटर संचालित कर रहा है। उसकी तलाश में तीन टीम अब भी लगी हुई है।