सहारनपुर, 26 फरवरी। आबकारी विभाग में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला प्रकाश में आया है। चेकिंग के दौरान आबकारी की टीम में शामिल तीन हेड कांस्टेबल और एक सिपाही ने 35 हजार रुपये की रिश्वत ली। पीड़ित को जेल भेजने की धमकी देकर डरा दिया। मामले में पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की। जांच में हेड कांस्टेबलों और सिपाही पर लगे आरोप सही पाए गए। चारों को निलंबित किया गया है। वहीं, जांच में आबकारी निरीक्षक का नाम भी सामने आया है।
मामला एक जनवरी का है। सरसावा चेक प्वाइंट पर आबकारी निरीक्षक विनय तिवारी के साथ हेड कांस्टेबल संतोष यादव, हेड कांस्टेबल हरीश कुमार, हेड कांस्टेबल रविंद्र सिंह और सिपाही मंदीप शर्मा वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान पंजाब नंबर की कार को रोका गया, जिसमें सवार कंवलजीत सिंह की गाड़ी से आधी बोतल खुली शराब बरामद हुई।
आरोप है कि चारों पुलिसकर्मियों ने कंवलजीत सिंह को डराया कि उसकी गाड़ी सीज कर दी जाएगी और उस पर शराब तस्करी का केस दर्ज होगा। इसके बदले मामले को रफा-दफा करने के लिए पुलिसकर्मियों ने 35 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। मजबूर होकर कंवलजीत सिंह ने उन्हें मौके पर 20 हजार रुपए नकद दिए, जबकि बाकी के 15 हजार रुपए पास के एक पेट्रोल पंप पर मौजूद सेल्समैन से ऑनलाइन ट्रांसफर करवा दिए गए।
घटना के बाद कंवलजीत सिंह ने एसएसपी से मामले की शिकायत की। एसएसपी के निर्देश पर सरसावा थाना पुलिस ने जांच शुरू की। डीएम ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए अलग से जांच कराई। दोनों जांच रिपोर्ट में चारों पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया।
जांच रिपोर्ट के आधार पर उप आबकारी आयुक्त सेवालाल ने सख्त कार्रवाई की संस्तुति की। हाल ही में अपर आयुक्त प्रशासन लखनऊ की तरफ से हेड कांस्टेबल हरीश कुमार, रविंद्र सिंह और संतोष यादव को निलंबित कर दिया गया। वहीं, सिपाही मंदीप शर्मा को उप आबकारी आयुक्त सेवालाल ने सस्पेंड किया। आबकारी निरीक्षक विनय तिवारी को भी चार्जशीट किया गया है।