लखनऊ 29 जनवरी। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी परियोजना में रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में फिल्म सिटी प्रोजेक्ट के लिए बिड करने वाली चारों कम्पनीज के प्रतिनिधियों द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया। कार्यालय सभाकक्ष में फिल्म सिटी परियोजना के अंतर्गत बिड करने वाली चारों कंपनियों द्वारा अपना प्रस्तुतिकरण दिया गया। प्रस्तुतिकरण में विशेषकर कंपनियों द्वारा फिल्म सिटी परियोजना को विकसित किए जाने के संबंध में अपना विजन, कॉन्सेप्ट टाइमलाइन, हाइलाइट्स आदि बिंदुओं पर जोर दिया गया। चारों कम्पनीज को टेक्निकली क्वालीफाइड पाया गया तथा निर्णय लिया गया कि मंगलवार 30 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे यमुना प्राधिकरण कार्यालय के सभाकक्ष में फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी।
बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी की तरफ से बोनी कपूर, आशीष भूटानी, सीईओ भूटानी इंफ्रा, अश्विनी चैटलें एवं अली चैटलें राजीव अरोड़ा, अरविन्द कुमार बिन्नी द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया 14 लायंस फिल्म्स प्रा लि. की तरफ से के सी बोकाडिया, करिश्मा जैन, विशाल, हर्ष जैन आदि द्वारा फिल्म सिटी परियोजना के संबंध में अपना विजन प्रस्तुत किया गया। सुपरसोनिक टेक्नोबिल्ड प्रा. लि. की तरफ से फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा ऑनलाइन प्रतिभाग किया गया। प्राधिकरण कार्यालय में दिनेश विजन मैडॉक फिल्म्स, दिव्यांशु, अश्विनी सहित चेरीकाउंटी टीम के प्रतिनिधियों द्वारा अपना विजन एवं प्रस्तुतीकरण दिया गया। सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्रा. लि. (टी सीरीज) की तरफ से विनय कुमार मित्तल सीईओ फिल्म सिटी प्रोजेक्ट, शंकरण कन्नन, लीगल कंसलटेंट और सुधीर शर्मा तथा विवेक द्वारा टी सीरीज कंपनी के विजन, डिजाइन, कॉन्सेप्ट का प्रेजेंटेशन प्राधिकरण कार्यालय में दिया गया। इसमें प्रमुख सचिव व अध्यक्ष यमुना प्राधिकरण अनिल कुमार सागर, निदेशक सूचना शिशिर सिंह, सहायक निदेशक अंशुमान राम त्रिपाठी द्वारा ऑनलाइन तथा प्राधिकरण की तरफ से मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह तथा विपिन कुमार जैन, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, शैलेंद्र कुमार सिंह, सीएलए आरपी गुप्ता, कंसलटेंट कंपनी सीबीआरई सहित अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि फिल्म सिटी को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है. राज्य सरकार को सबसे अधिक राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश करने वाली कंपनी को ग्रीनफील्ड परियोजना के लिए डेवलपर के रूप में चुना जाएगा. वित्तीय बोली खुलने के बाद चयनित कंपनी का प्रस्ताव राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. मंजूरी मिल जाने के बाद जमीन आवंटित कर दी जाएगी और परियोजना के निर्माण के लिए काम शुरू हो जाएगा.