लखनऊ 08 जून। अपहरण के 22 साल पुराने मामले में आरोपित पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की अब तक दो संपत्तियां कुर्क कर ली गई हैं। छह जून को लखनऊ स्थित उनकी भूमि कुर्क हुई। वहीं, पिछले माह ही महराजगंज के नौतनवा स्थित आवास को पुलिस ने कुर्क किया था। अब गोरखपुर में पूर्व मंत्री की संपत्तियों की तलाश हो रही है। इसके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम के अधिकारी व उपजिलाधिकारी गोरखपुर से पत्राचार किया जा रहा है। एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद गिरि के सम्मुख कोतवाली पुलिस ने यह रिपोर्ट पेश की।
कोर्ट ने मामले में अगली तारीख 21 जून तय की है। 22 वर्ष पुराने इस मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि आरोपित हैं। उनके लगातार गैरहाजिर होने को लेकर कोर्ट ने कुर्की का आदेश दिया था। इस मामले में उस समय नया मोड़ आ गया, जब एक गुमनाम व्यक्ति ने न्यायालय को पत्र भेजा।
इसमें गोरखपुर पुलिस पर न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाया। उसने गोरखपुर में अमरमणि की संपत्ति होने का दावा किया। अदालत ने पत्र का संज्ञान लेते हुए उनकी संपत्ति ढूंढने के लिए 15 मई तक का समय दिया। पुलिस ने चुनाव को देखते हुए और समय की मांग की। न्यायाधीश ने 30 मई की तारीख तय की।
30 मई के बाद सात जून की तारीख लगाई गई। कोतवाली पुलिस की सात जून की रिपोर्ट के अनुसार अमरमणि के नौतनवा स्थित मकान को 13 अप्रैल, 2024 को ही कुर्क कर लिया गया था। लखनऊ स्थित उनकी भूमि की कुर्की छह जून को की गई है।
कोतवाली पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार अकेले लखनऊ की संपत्ति 1.18 करोड़ रुपये की है। रिपोर्ट में गुमनाम पत्र के आलोक में गोरखपुर की संपत्ति का पता लगाने के लिए पत्राचार किए जाने का उल्लेख किया गया है।
बताते चले कि छह दिसंबर, 2001 को कोतवाली बस्ती क्षेत्र के रोडवेज तिराहा निवासी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था। पुलिस ने राहुल को तत्कालीन मंत्री अमरमणि के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया था। इस अपहरण कांड के नौ आरोपितों में से अमरमणि त्रिपाठी, नैनीष शर्मा, शिवम और रामयज्ञ न्यायालय में हाजिर नहीं हुए। अपहरण कांड की पत्रावली 11 फरवरी, 2003 से हाजिरी में चल रही है।