नई दिल्ली, 29 जुलाई। मध्य जिला के राजेंद्र नगर थाना पुलिस ने राव आईएएस स्टडी सेंटर में हुए हादसे के मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है, इसमें वह कार चालक भी शामिल है जो बारिश के दौरान सड़क से तेज रफ्तार कार लेकर गया था जिससे कोचिंग सेंटर का गेट टूट गया था, इसके अलावा बेसमेंट का मालिक भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इन लोगों की गिरफ्तारी के साथ मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या सात हो गई है। पुलिस का कहना है कि हम मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे पहले, गत रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित यूपीएससी कोचिंग सेंटर में पानी भरने से छात्रों की हुई मौत के मामले में अदालत ने दोनों आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद राव आईएएस कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस कोचिंग सेंटर हादसे के दोनों आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद राजेंद्र नगर थाने से कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने इन दोनों आरोपियों समेत बिल्डिंग मैनेजमेंट, ड्रेनेज सिस्टम की देखभाल करने वाले निगमकर्मियों और अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
डीसीपी सेंट्रल एम. हर्षवर्द्धन ने कहा, बेसमेंट के मालिकों और एक व्यक्ति सहित पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने एक वाहन चलाया था। जिससे इमारत के गेट को नुकसान पहुंचा था। बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधि करने की कोई अनुमति नहीं थी। हमने एमसीडी से कुछ जानकारी मांगी है और हम उनकी भूमिका की भी जांच करेंगे। हम प्रदर्शनकारी छात्रों से शांति बनाए रखने और जाम न लगाने की अपील करते हैं।
बताते चले कि इस हादसे में तान्या सोनी 21, श्रेया यादव, 25, और नेविन डेल्विन 29 की मौत हो गई. राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल कोचिंग सेंटर की बेसमेंट लाइब्रेरी में भारी बारिश के बाद पानी भर गया था. इसके बाद से दिल्ली के तमाम छात्रों ने रोष जताया. कोचिंग सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. पुलिस ने अब बिल्डिंग वाले एरिया को क्राइम स्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने सरकारी अधिकारियों से मिलने की मांग करते हुए करोल बाग मेट्रो स्टेशन की ओर जाने वाली मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया. जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन्हें क्षेत्र छोड़ने के लिए मनाने में विफल रहे तो उन्हें मौके से हटा दिया गया.