नोएडा 02 अगस्त। दिल्ली एनसीआर में रेकी के बाद ऑन डिमांड कार चोरी करने वाले गिरोह के पांच बदमाशों को सीआरटी, स्वॉट और सेक्टर 24 की पुलिस टीम ने अरेस्ट किया है। बदमाशों से पूछताछ के बाद पुलिस ने अलग-अलग जगह से 17 लग्जरी कारें बरामद की हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी किसी भी कार के लॉक सिस्टम को की-प्रोग्रामिंग पैड नाम की डिवाइस से 10 से 15 मिनट में तोड़ देते थे। कार चोरी के बाद बॉर्डर क्रॉस करने के लिए आरोपी खुद को मेकैनिक बताते थे, इसके बाद दूसरे प्रदेशों में कार बेच देते थे। पांचों आरोपियों पर विभिन्न थानों पर कुल 98 केस दर्ज हैं। गिरोह के अन्य बदमाशों के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है।
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में नोएडा जोन में कार चोरी के मामले तेजी से बढ़े थे। जिस पर सीआरटी, स्वॉट और सेक्टर 24 थाने की पुलिस के साथ एक टीम बनाई गई। कार चोरी के दौरान बदमाश एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। फुटेज के आधार पर पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी थी। एसीपी-2 अरविंद कुमार की अगुवाई में 15 पुलिस कर्मियों की टीम गठित की गई थी। बुधवार को बदमाश जब दोबारा से चोरी करने के लिए नोएडा की सीमा में आए तो पुलिस ने सेक्टर 54 पुलिस चौकी कट के पास से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में संत कबीर नगर निवासी अब्बास उर्फ इकराम, मथुरा निवासी कप्तान, मेरठ निवासी आरिफ, मेरठ निवासी आसिफ, राजस्थान के कोटा निवासी अब्दुल रज्जाक हैं।
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गिरोह के सदस्य हाइटेक तरीके से वाहनों की चोरी करते हैं। इनके पास की-प्रोग्रामिंग पैड नाम की डिवाइस मिली है। यह डिवाइस आरोपी ऑनलाइन मंगवाते हैं। आरोपी इस डिवाइस का इस्तेमाल कर किसी भी कार के ईसीएम (इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट मैनेजमेंट ) मशीन को री-प्रोग्राम कर लेते थे। इससे पूरी गाड़ी का कंट्रोल डिवाइस में आ जाता है। यह पूरी प्रक्रिया करने में आरोपी महज 10 से 15 मिनट लगाते हैं। आरोपी अपने पास गाड़ियों का लॉक तोड़ने और नकली चाबी बनाने के उपकरण भी रखते हैं। आरोपियों के पास चाबियों का गुच्छा भी होता था। इससे मैन्युअल और टेक्निकली किसी भी तरह से लॉक आसानी से खोल लेते थे।
कार चोरी के बाद बदमाश तुरंत कार की नंबर प्लेट बदलते थे। इसके बाद वाहन को दो से तीन दिनों के लिए किसी सुनसान जगह पर खड़ा कर देते थे। इस दौरान गाड़ी की फर्जी आरसी और नंबर प्लेट तैयार कर बॉर्डर पार कार ले जाते थे। कहीं पुलिस चेकिंग के दौरान बदमाशों को रोकती तो बदमाश खुद के मेकैनिक बताकर निकल जाते थे। इनके पास कार के सभी उपकरण भी मिल जाते थे, इसलिए शक नहीं होता था। आरोपी गाड़ी के मेकैनिक का काम भी कर चुके हैं। कार के सभी पार्ट की बदमाशों को अच्छी जानकारी है। चोरी के दौरान इनके साथी आगे चलते थे, जो कि पुलिस के आने की सूचना वॉट्सऐप पर देते थे। वहीं अचानक पुलिस के आने पर आरोपी कार के खराब होने का बहाना बनाकर गाड़ी के नीचे लेटकर ठीक करने की एक्टिंग करने लग जाते थे। आरोपी चोरी के वाहनों को पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, चेन्नई व नॉर्थ-ईस्ट में बेचते थे।
आरोपियों की निशानदेही पर चार क्रेटा, दो किया सेल्टोज, तीन बलेनो, दो अर्टिगा, दो मारुति स्विफ्ट, एक टोयोटा इनोवा, एक फोर्ड, एक आई-20 और एक जेस्ट कार बरामद हुई है। इनके पास से दो की-प्रोग्रामिंग टैब, हाई फ्रिक्वेंसी सर्चिंग डिवाइस, तीन गाड़ी लॉकर, 26 चाबियां, 21 पैकेट गाड़ियों की सेंसर चिप, दो हथौड़ी समेत चोरी में इस्तेमाल होने वाला सामान मिला है।