वाराणसी 30 नवंबर। वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन की पार्किंग एरिया में खड़ी 300 से ज्यादा बाइकें जलकर खाक हो गई हैं. छह दिन पहले कैंट रेलवे स्टेशन के ही पार्किंग एरिया में एक बाइक में अचानक आग लग गई थी. लोगों ने इसके लिए तेल चोरी की घटना को जिम्मेदार बताया था, लेकिन रेल प्रशासन ने इसकी अनदेखी की और ये अनदेखी इतनी महंगी पड़ी की शुक्रवार- शनिवार की आधी रात के बाद पार्किंग एरिया में खड़ी सैकड़ों बाइकें जलकर खाक हो गई.
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से आग लगने का मामला सामने आया है, जिसमें जलने से 300 से ज्यादा बाइकें खाक हो गई हैं. आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि आग के बीच किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई. किसी तरह जीआरपी और आरपीएफ के जवान पार्किंग में घुसे और एक लेन में खड़ी 30 से अधिक वाहन को किसी तरह सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. जीआरपी और आरपीएफ के प्रभारी और उनकी टीम ने अथक प्रयास से अन्य वाहन को बचा लिया, लेकिन बहुत सी बाइकें जल गई.
घटना के तुरंत बाद कैंट स्टेशन निदेशक भी मौके पर पहुंच गए थे. कैंट रेलवे स्टेशन पर आग से बचाव के इंतजाम नहीं होने से बाल्टी में पानी भरकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. आग बढ़ती ही चली गई फायर फाइटिंग सिस्टम भी काम नहीं आए. कैंट स्टेशन के अलग-अलग हिस्सों से फायर फाइटिंग सिस्टम लाने में भी समय लगा. इससे पहले ही आग ने विकराल रूप ले लिया था. तेज आवाज के साथ बाइकों की टंकियां फटने लगीं तो हड़कंप मच गया।
रेलवे स्टेशन की पार्किंग में शुक्रवार रात 1:30 बजे लगी। सूचना पर आरपीएफ और जीआरपी समेत रेलवे के अधिकारी रात मौके पर पहुंचे। सूचना पर फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तड़के 3 बजे आग पर काबू पाया गया। अधिकारियों ने शॉर्ट सर्किट से हादसा होने की आशंका जताई है। बताया गया कि वाहन पार्किंग की क्षमता करीब 400 की है और उस समय लगभग 300 बाइक कैंट स्टेशन परिसर स्थित पार्किंग में थी।
रेल कर्मचारियों ने पार्किंग संचालक पर वाहनों से पेट्रोल चोरी करने का आरोप लगाया। कहा- बाइक से पेट्रोल चुराते समय आग लगी होगी। पार्किंग में कई रेलकर्मियों ने अपने दोपहिया वाहन खड़े किए थे। उनका कहना था कि पार्किंग से अक्सर तेल चोरी की शिकायत की जाती थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हो सकता है कि तेल चोरी के दौरान ही आग लगी हो। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए इस घटना से रेलकर्मियों को बड़ा नुकसान हुआ है। इसके लिए स्टेशन अधीक्षक से मिलेंगे और जीआरपी-आरपीएफ से भी कार्रवाई के लिए मांग करेंगे।