खरगोन 20 जनवरी। मध्यप्रदेश के खरगोन की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पद्मा राजौरा तिवारी (51) का प्रसूति के बाद तबीयत बिगड़ जाने से दुखद निधन हो गया. उन्हें बच्चे की चाह थी और इसके लिए वे लंबे समय से इलाज करा रहीं थीं. उम्र अधिक हो जाने के बाद भी उन्होंने टेस्ट ट्यूब या आईवीएफ तकनीक के जरिए नवजात बच्ची को जन्म दिया था. हालांकि इस दौरान उन्होंने बिना छुट्टी लिए अपना कामकाज जारी रखा था. उनके परिजनों ने बताया कि चार दिनों तक वेंटीलेटर पर जिंदगी से वे जंग करती रहीं, लेकिन फिर उन्होंने दम तोड़ दिया.
महिला जज बीते तीन साल से खरगोन में पदस्थ थीं. यहीं के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. 8 जनवरी को उन्होंने मेडिकल अवकाश लिया था. इसके बाद दो दिन तक निजी अस्पताल में इलाज कराया; लेकिन फिर उनको यहां से इंदौर रेफर किया गया था. हालांकि उन्होंने खरगोन में ही नवजात को जन्म दिया था और उसके बाद से उनकी तबीयत बिगड़ गई थी.
डाक्टरों ने बताया कि अधिक उम्र में डिलीवरी, कमजोरी और पीलिया हो जाने उनकी तबीयत अधिक बिगड़ गई थी. उनका जन्म 24 अक्टूबर 1973 को हुआ था. वे इंदौर की रहने वाली थीं. कोर्ट के कर्मचारियों ने बताया कि वे 14 जुलाई 2021 को सीजेएम कोर्ट में जज के रूप में पदस्थ हुई थीं. महिला जज पद्मा राजोरे अपने काम को लेकर सजग रहतीं थीं और प्रेगनेंसी के दौरान भी वे लगातार कोर्ट आती रहीं. उन्होंने लगभग पूरे 9 महीने ही काम किया था. इधर डॉक्टर्स का कहना है कि स्वास्थ्य में सुधार नहीं आने के कारण उन्हें इंदौर रेफर कर दिया गया था जहां उनकी मृत्यु हो गई. राऊ में अंतिम संस्कार किया गया।