अक्टूबर माह में संपन्न हुए त्यौहारों के चलते छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक के चेहरे पर जो मुस्कान आर्थिक मजबूती को लेकर पैदा हुई वो भविष्य में भी नवंबर दिसंबर में भी बनी रहेगी। एक जानकारी अनुसार इन दो माह में 48 लाख शादियां होने व 6 लाख करोड़ रूपये का इससे संबंध बिजनेश होगा ऐसी संभावनाऐं व्यक्त की जा रही है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए फूल माला बेचने वालों से लेकर मारूति व अन्य गाड़ियां बेचने वाले शोरूम मालिकों के चेहरे पर भी मुस्कुराहट और बातों में अच्छा व्यापार होने और नवंबर दिसंबर माह में अक्टूबर में बिकी गाड़ियों की संख्या में ध्यान में रखते हुए कई लाख मारूति की गाड़ियां बिकने की खबर सुनने को मिल रही है। इतने बड़े स्तर पर होने वाली शादियों में आज भी मारूति कार के प्रचलन को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि यह आम आदमी की पकड़ में अब भी है। बताते है कि 12 नवंबर को देवउठावनी से शुरू हुए विवाह नवंबर माह में 12,13,15,16,17,18,22 व 29 नवंबर माह में एवं दिसंबर माह में 4,5,9,1011,13,14,15 में आठ शादियां होनी है। और बताते है कि 12,16,24 नवंबर को शादियों के बड़े मुर्हूत है।
टेंट एवं मंड़प एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपुल सिंघल का कहना है कि अकेले मेरठ शहर में 16 और 24 को 400 शादियां होगी। दूसरी तरफ बिना बैण्ड बाजे के बारात क्या इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए न्यू जय हिन्द बैण्ड के महेन्द्र धानक का कहना है कि इस बार नवंबर दिसंबर की शादियों की संख्या को देखते हुए अलग अलग टीमें बनाई गई है क्योंकि एक दिन में कई शादियां और गुड़ चढ़ी बारात और विदाई तक बैण्ड की बुकिंग होती हैं अब यह शुभ मुर्हूत है तो हमें भी सभी का ध्यान रखते हुए व्यवस्था करनी पड़ती है।
तो भईया जैसे ही अक्टूबर में पड़े त्यौहारों में खाई गई दावतों से आराम मिल गया वैसे ही अब नवंबर दिसंबर में भी दावतें खाने और बैण्ड बाजो में नाचने के लिए हो जाओ तैयार।
(प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महासचिव व मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व संपादक पत्रकार)
दावत खाने-बैण्ड बाजे में नाचने! नवंबर दिसंबर में देश में 48 लाख शादियां, लाखों मारूति बिकने 6 लाख करोड़ का बिजनेस होने की है चर्चा
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