दबंग चाहे बाहुबल में हो या आर्थिक रूप से अथवा अपने व्यवहार से कहीं ना कहीं सब ही आम नागरिक के लिए उत्पीड़न का कारण बनते हैं। क्योंकि आए दिन समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में पढ़ने सुनने को मिलता है कि दबंगांे के कारण लड़की ने स्कूल जाना और घर से निकलना छोड़ दिया। दबंगों ने परिवार के सामने की छेड़छाड़ और दुष्कर्म। दबंग ब्याजखोरों के कारण व्यक्ति ने की आत्महत्या। कहने का मतलब है कि दबंग शब्द ही किसी ना किसी के लिए अभिशाप बन जाता हैं लेकिन हर प्रकार की दबंगई रोकने के लिए अफसरों द्वारा सरकार के ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करने के आदेशों के बावजूद भी इन्हें खुला छोड़ दिए जाने के चलते लोग अपनी जीवनलीला समाप्त करने के लिए मजबूर होते हैं। नया मामला यूपी के बुलंदशहर के थाना नरसेना क्षेत्र के ग्राम रघुनाथपुर का हैं यहां के निवासी 55 साल के मुकेश शर्मा ने दबंगों की प्रताड़ना से परेशान होकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दबंगों की गिरफ्तारी की मांग की और नामजद तहरीर भी दोषियों के खिलाफ दी। थाना प्रभारी मनोज कुमार और सीओ भास्कर मिश्रा का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी जांच उपरांत। बस यही से दबंगों के प्रति लापरवाही बरतने का कार्य शुरू हो जाता है और कुछ दिनों में लीपापोती हो जाती है और प्रताड़ित परिवार हाथ मलकर रोता ही रह जाता है। आखिर ऐसा कब तक चलेगा। और दबंगों के कारण कितने परिवारों के लोग उनसे बिछड़ेंगे इस ओर भी सरकार को अब ध्यान देना तथाकथित दबंगों के खिलाफ कार्रवाई का माहौल तैयार करना ही होगा क्योंकि कुछ लोगों की दबंगई सरकार के लिए जनआक्रोश का कारण बन सकती है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
दबंग के कारण किसान ने की आत्महत्या, आखिर कब तक इनके आतंक के चलते लोग मरते रहेंगे
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