asd बिना लाईसेंस फूड सप्लीमेंट खपाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

बिना लाईसेंस फूड सप्लीमेंट खपाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

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नोएडा 11 दिसंबर। नोएडा में प्रोटीन सप्लीमेंट के गैरकानूनी तरीके से हो रही सप्लाई का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. नोएडा कोतवाली थाना 63 पुलिस ने खाद्य विभाग के साथ मिलकर छापा मारकर फर्जी फूड सप्लीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है. और फैक्ट्री से भारी मात्रा में प्रोटीन के डिब्बे, कैप्सूल के डिब्बे, रैपर पाउडर के बोरी, पैकिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन और मुहर आदि सामान बरामद किया है. पुलिस ने इन सप्लीमेंट को ऑनलाइन सप्लाई करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने मामले में साहिल यादव, हर्ष अग्रवाल और अमित चौबे को जी ब्लॉक सेक्टर 63 से गिरफ्तार किया है. जहां पर ये तीनों फर्जी सप्लीमेंट बनाने की फैक्ट्री चला रहे थे. डीसीपी नोएडा सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि, कोतवाली 63 पुलिस को शिकायत मिली थी. जिसमें पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उसने कुछ सप्लीमेंट ऑनलाइन आर्डर करके मंगाया था, जिसके सेवन करने के बाद उसके पेट, लीवर की परेशानी के साथ-साथ चेहरे पर कील मुंहासे हो गए.

पीड़ित की शिकायत पर जब पुलिस ने फूड विभाग की टीम के साथ जी 86 स्थित कंपनी पर छापेमारी की तीन लोग खाली डब्बों फर्जी सप्लीमेंट भरते हुए नजर आए उनके पास कोई लाइसेंस नहीं था. पुलिस ने माल को जब्त कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी साहिल यादव ही इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है. साहिल ने ही हरियाणा में फूड सप्लीमेंट बनाने वाली कंपनी में काम किया था.

इसके बाद ब्रांड प्रोडक्ट के नाम से फर्जी सप्लीमेंट बना शुरू कर दिया. उसने हर्ष को अपना पार्टनर बनाया, जबकि अमित को कंपनी का मैनेजर. यह सभी फर्जी फूड सप्लीमेंट का डिब्बा तैयार कर उस पर अपनी कंपनी का रैपर लगाकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से बेचते थे. प्रत्येक एक किलो डिब्बे का कोरियर के माध्यम से भेजने के लिए 3500 रुपए वसूल रहे थे और इन्हें हर डिब्बे पर 4 से 5 गुना कीमत का मुनाफा हो रहा था. यह अपना माल नोएडा दिल्ली हरियाणा में सप्लाई कर रहे थे .

पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी काफी दिनों से नकली प्रोटीन बनाकर एनसीआर मे लोगों को आनलाइन सप्लाई कर रहे थे. ये लोग कई नाम की कंपनियों के नाम से नकली सामान बनाकर लोगों को सप्लाई करते थे. उन्होंने बताया कि पुलिस इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है. पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि यह लोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नकली प्रोटीन बनाकर विभिन्न दुकानों और जिम में काम करने वाले लोगों के माध्यम से बेचते थे.

फैक्ट्री से मिलावटी प्रोटीन पाउडर के 33 डिब्बे, कैप्सूल के 2,050 छोटे डिब्बे, 5,500 खाली डिब्बे और नकली प्रोटीन पाउडर बनाने में इस्तेमाल होने वाली अन्य चीजें बरामद हुईं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट का कोई लाइसेंस या दस्तावेज नहीं था। प्रोटीन पाउडर बनाने के लिए FSSAI का न्यूट्रास्यूटिकल्स रेगुलेशन्स के तहत लाइसेंस जरूरी होता है, क्योंकि इसे हेल्थ सप्लीमेंट माना जाता है।

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