इस बार यूपी की राजनीति में सक्रिय कुछ विधायकों को होली का तोहफा मंत्रिमंडल में शािमल कर दिया जा सकता है। बताते चलें कि विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के बाद कुछ विधायक व नेताओं को यूपी मंत्रिमंडल में लिए जाने की संभावनाओं पर लगातार चर्चाएं सुनने को मिलती रही है। अब खबर है कि पार्टी हाईकमान ने हर स्तर पर अपना होमवर्क पूरा कर लिया बताते हैं। सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि पश्चिम से एक दो विधायकों को मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। अच्छा काम करने वाले मंत्रियों को और अच्छे विभाग दिए जा सकते हैं। जिन मंत्रियों के विभाग की कार्यप्रणाली से सीएम संतुष्ट नहीं है उनकी छुटटी भी हो सकती है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि सबकुछ ठीक रहा तो कुछ और विधायकों के समर्थकों को जश्न मनाने का मौका मिल सकता है। अब देखना है कि 75 वर्ष की आयु सीमा के घेरे में कौन आता है। किसके विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा और कौन होगा बाहर। स्मरण रहे कि दूसरी ओर जिला और महानगर अध्यक्षों की घोषणा भी अभी नहीं हो पाई है। जिससे जो नेता इन पदों पर आसीन होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं उनमें मायूसी का माहौल दिखाई और सुना जाता है। जो बड़े नेता 2027 में होने वाले लोकसभा और 29 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर व्यूह रचना कर रहे है वो भी अपने समर्थकों को अपने पदों पर बैठाना चाहते हैं। देखना यह है कि किसकी उम्मीद पूरी होती है। भाजपा एक कैडर वाली अनुशासित कार्यकर्ताओं का दल कहलाती है। इसके स्थापना से ही ईमानदारी अनुशासन और सेवा का पाठ पढ़ाया जाता रहा है। उसके बावजूद एक खबर पढ़ने को मिली थी कि जिला और महानगर अध्यक्ष की नियुक्ति में आर्थिक साधनांे का दखल हो सकता है। असलियत तो परिणाम आने के बाद पता चलेगी। मगर यह पक्का है कि कार्यकर्ताओं में इसे लेकर जिज्ञासा बढ़ती जा रही है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार, कई को मिल सकता है होली का उपहार, जिला और महानगर अध्यक्षों की तैनाती को लेकर भी हैं चर्चाएं
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