केंद्र और प्रदेश की सरकारें देश और प्रदेश के हर आदमी को निशुल्क और सुलभ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हर संभव प्रयास कर रही है। गत दिनों यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा आयुष विभाग की 238 करोड़ की 271 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। सीएम योगी का कहना था कि पीएम की प्रेरणा से आयुष कार्ड तेजी से बन रहे है जनविश्वास का प्रतीक। इससे अन्नदाता की आमदनी बढ़ेगी। हर व्यक्ति को इसका लाभ मिल सके इसके लिए अलग से जल्द निदेशालय का गठन किए जाने की बात भी कही गई तो पूर्व में यूपी में रिकॉर्ड आयुषमान कार्ड बनने और उसके लाभार्थी को चिकित्सा मिलने की बात सामने आती रही है।
लेकिन नागरिकों में होने वाली चर्चा अनुसार पूर्व में जनगणना के आधार पर आयुषमान कार्ड बने तो काफी लोग इससे वंचित रह गए थे लेकिन अब सरकार ने स्वयं अपना आयुषमान कार्ड बनाने या सेंटरों पर इसे बनवाने की सुविधा दी है जिससे मध्यम दर्जे का गरीब काफी आशान्वित है लेकिन एक समस्या जो आ रही है वह यह है कि परिवार में कुछ सदस्यों की सीमा निर्धारित की गई है उससे कम या ज्यादा के कार्ड शायद नहीं बन पा रहे हैं। दूसरी तरफ लोगों में एक डर यह भी है कि सरकार सरकार एक या दो बच्चों का प्रतिबंध लगा रही है। अब ऐसे में परिवार बढ़ेंगे नहीं तो तय सीमा के बराबर सदस्यों की संख्या कैसे बराबर होगी।
मुख्यमंत्री जी हो सकता है कि नौकरशाही के कुछ लोग पात्रों को गलत जानकारी दे रहे हो या लाभार्थी समझने में भूल कर रहे हों सरकार बजट का एक बड़ा हिस्सा गरीबों को चिकित्सा उपलब्ध कराने पर खर्च कर रही है। इसका लाभ हर व्यक्ति प्राप्त कर सके इस बात को ध्यान रख इससे संबंध नियमावली सरकार अपनी स्वास्थ्य संबंधी वेबसाइट और पोर्टल पर उपलब्ध कराए जिससे कोई भी पात्रों से वसूली ना कर पाए और कोई इससे वंचित भी ना रहे।
पात्र व्यक्तियों को आयुषमान कार्ड का मिले पूर्ण लाभ सरकार पोर्टल पर दे पूरी जानकारी
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