लखनऊ, 06 मार्च। विधानसभा में पान, पान मसाला या गुटखा खाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बुधवार को यह व्यवस्था दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई सदस्य, अधिकारी या कर्मचारी विधानसभा में पान या पान मसाला या गुटखा खाते हुए पाए गए तो उन पर 1000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
दरअसल, मंगलवार को विधानसभा में किसी सदस्य ने पान की पीक थूक दी थी, जिसे लेकर सतीश महाना ने खासी नाराज़गी जताई थी और सभी सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसा भविष्य में न किया जाए। उन्होंने बुधवार को इस संबंध में विस्तृत आदेश दिए। इस पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने मांग उठाई की सदन की लाबी में सिगरेट आदि पीने पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। फिलहाल, इस पर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की जा सकी।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि हाल के दिनों में यह पाया गया है कि विधायकों के फर्जी पास बनाए जा रहे हैं। बीते दिनों हिट एंड रन के मामले में पुलिस ने पाया कि वाहन पर विधायक का फर्जी आईडी पास लगा था। उन्होंने कहा कि यही नहीं अभी विधानसभा परिसर में भी एक वाहन पर फर्जी पास इस्तेमाल की सूचना पुलिस द्वारा दी गई है। सतीश महाना ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। सुरक्षा से जुड़े हुए इस प्रकरण में यह महत्वपूर्ण हो गया है कि नई व्यवस्था के तहत नए पास जारी किए जाएं।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग मामले में जांच कर रहा है। अत: तय किया गया है कि अब अप्रैल से आरएफआईडी प्रवेश पत्र विधायकों को दिए जाएंगे। उन्हें सिर्फ दो वाहन पास मुहैया कराए जाएंगे। विधायकों से अनुरोध है कि कृपया वे अपने कार्यकर्ताओं के लिए वाहन पास का अनुरोध न करें।
टोल पर फ्री पास परिवार या कर्मचारियों के लिए नहीं
इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए नियम हैं लेकिन यह ध्यान रखें कि पास विधायकों के लिए हैं कर्मचारी रिश्तेदारों के लिए नहीं। यह व्यवस्था हर सरकार में रही है।
एमएलए लिखे दो स्टीकर मिलेंगे
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि वह प्रयास करेंगे कि विधायकों को सांसदों की तरह दो स्टीकर मिल जाएं जिन पर एमएलए लिखा हो। ऐसा सांसद को मिलता है।
विधानसभा में सपा के कमाल अख्तर ने प्रदेश में एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाज़ा पर विधायकों का अपमान करने का मामला उठाया। कमाल अख्तर ने कहा कि टोल पर कर्मचारियों के चरित्र की जांच करवा ली जाए। उनके आपराधिक चरित्र के बारे में देखा जाए। उन्होंने कहा कि टोल कर्मचारी विधायकों को ऐसे देखता है, जैसे विधायक नहीं कोई और है। पहले उन्हें आईडी दिखाओ तो ऊपर से नीचे तक देखते हैं, जैसे विधायक हो ही न…। फिर बदसलूकी की जाती है। सपा के इंजीनियर सचिन यादव ने कहा कि पुलिस अधिकारी और आईएएस तो अपने परिवारीजनों के लिए भी पास अलग से बनवाते हैं। अधिकारियों को टोल वाले खुलेआम जाने देते हैं। उन्हें कोई रोक-टोक नहीं है।