आज केंद्र सरकार के 11 साल पूरे हो गए। देशभर में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में इस कार्यकाल में लिए गए निर्णयों और उपलब्धियों का भाजपा कार्यकर्ता व सहयोगी दलों के नेता आदि भरपूर प्रचार प्रसार कर उसे महिमामंडन करने में लगे हैं। इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते कि कुछ मुददों को छोड़ दें तो मोदी सरकार का कार्यकाल कई राष्ट्रीय अंतर राष्ट्रीय मुददों पर केंद्रित रहा और उनके अभियानों व नीतियों की प्रशंसा की जानी चाहिए। वो बात दूसरी है कि अधिकारी उसे सही तरह से लागू ना कर आम आदमी को उसका लाभ पहुंचाने में सफल नहीं हैं जितना होना चाहिए।
अपना शताब्दी वर्ष मना रहे संघ परिवार की उपलब्धिया को जनमानस में पहुंचाने और पंच परमेश्वर की भावना से सबको साथ जोड़ने के लिए किए गए कार्याें ने भी कई मुददों पर सरकार को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कानपुर में गत रविवार को नवाबगंज स्थित पंडित दीनदयाल सनातन धर्म विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग में मोहन भागवत ने कहा कि जातिवाद मुक्त समाज बनाएं स्वयंसेवक। मंदिर और जलाशयों पर किसी जाति वर्ग का न हो अधिकार। उन पर संपूर्ण समाज का अधिकार होना चाहिए। क्योंकि समाज बड़े परिवर्तन की ओर जाने को अग्रसर है। इसलिए समाज और देश के प्रति दायित्वों को पूरा करने के लिए जागरूक हो तथा पर्यावरण के अनुकूल अपनी जीवनशैली का निर्माण करे। उन्होंने जातिवाद के मकड़जाल से लोगों को बाहर निकलकर सोचने और काम करने का संदेश भी दिया उन्होंने कहा कि संघ के विस्तार को लेकर शाखाओं तक सीमित ना रहे बल्कि परिवारों को संघ की विचारधारा से जोड़ने का काम करें।
सौ साल पहले जब शाखाएं शुरू हुई तो वो कुछ विशेष जगहों पर चलती थी और गिनती के लोग पहुंचते थे लेकिन वो आत्मविशवास से भरे होते थे कि जो संघ प्रमुख संदेश दे रहे हैं वो जन जन तक पहुंचाना है। सनातन धर्म को मानने वालों को जागरूक करने का हर संभव प्रयास करते थे। धीरे धीरे समय में परिवर्तन होता रहा। व्यवस्थाएं बदलती रही। संघ परिवार बढ़ता रहा। बीच में इमरजेंसी के दौरान संघ कार्यकर्ताओं और प्रमुखों के समक्ष कुछ कठिनाई भी आई लेकिन जहां तक मुझे पता है जो गिरफतार हुए वो जहां थे वहां और जो कार्यकर्ता जनमानस में रहे वो संघ की विचारधारा को घर घर तक पहुंचाने का प्रयास करते रहे। शायद उसी का परिणाम है कि इमरजेंसी के लगभग पांच दशक के बाद अब संघ परिवार एक ऐसा वटवृक्ष बन गया है जो राष्ट्रहित की भावना रखने वाले सभी जातियों व समुदायों के नागरिकों को अपने साथ जोड़ने व देश की एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं।
आज से लगभग कोई छह दशक पूर्व जब मैं बालक था तो उस समय उप्र के जिला नैनीताल और अब उत्तरांखड के जिला उधमसिंह की तहसील काशीपुर के मोहल्ला कानूगीयान के चमुंडा देवी मंदिर जाने वाले रास्ते के एक चबूतरे पर शाखा लगाई जाती थी। मैं भी एक महीना उसमें गया और इसके तौर तरीके देखे। फिर अपने काम में लग गया और अब मेरा इससे कोई विशेष मतलब भी नहीं है लेकिन उस समय भी जो स्वयंसेवक आते थे और जो संदेश उनके द्वारा दिया जाता था वो स्पष्ट था कि सनातन धर्म और बहुसंख्यकों के साथ ही देशहित की सोच रखने वालों को मुख्यधारा में शामिल कर काम करने की योजनाआंे को लागू कराना चाहिए और समाज में विचारांे का समावेश हो ऐसे कार्य किए जाएं। एक बार 6 साल पूर्व नागपुर में जंगल संेचुरी में आयोजित एक सम्मेलन में पत्रकारों को जाने का मौका मिला। लौटते समय इच्छा हुई कि संघ मुख्यालय देखा जाए तो वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार डॉ. संजय गुप्ता और गौरी मीडिया ग्रुप के चेयरमैन डॉ. ललित भारद्वाज, मजीठियां बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री अंकित बिश्नोई, कौमी एकता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा, व व्यापारी नेता संदीप गुप्ता ऐल्फा ने अमरावती और अकोला से निकलने वाले समाचार पत्र देशोन्नति के संचालक प्रकाश पोहरे से संपर्क किया तो संघ कार्यालय में प्रवेश और वहां की कार्य देखने का मौका मिला। इससे पता चला कि देशहित में नौजवानों और बच्चों को तैयार करने के लिए संघ द्वारा हर स्तर पर कार्य किया जा रहा है। पुराने कार्यालय के साथ ही नया कार्यालय भी देखने गए। उसके बाद एक अच्छा संदेश संघ परिवार के बारे में मन में समाया। जिसकी हमारें द्वारा तारीफ की गई। एक तरफ संघ परिवार के मुखिया मोहन भागवत पंच परिवर्तन के आधार पर सबको एकजुट होकर काम करने के लिए प्रयासरत हैं तो दूसरी तरफ संघ से जुड़े प्रमुख लोग भी अच्छा संदेश दे रहे हैं। गत सात जून को दिल्ली में एक वैवाहिक समारोह में जाने का मौका मिला। वहां मेरठ के पूर्व भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल द्वारा संघ के सह सरकार्यवाह आलोक जी से मुलाकात कराई गई। बीते दस साल से आलोक जी के बारे में भाजपा के क्षेत्र में भी काफी सुनने को मिला था। यही सोचते थे कि संघ के बड़े पदाधिकारी हैं इसलिए औरों की मदद करने में सक्षम है। जो उन्हें जानते हैं उनकी तारीफ करते होंगे। पहली मुलाकात में मैं और मेरा पुत्र अंकित बिश्नोई और उनके पुत्र अविराज बिश्नेाई काफी प्रभावित हुए। मुलाकात के बाद आलोक जी भी भोजन करने लगे और हम दूसरी जगह भोजन करने में लग गए। तभी पीछे से आवाज आई कि बिश्नोई जी चल रहा हूं। मुड़कर देखा तो आलोक जी मौजूद थे। यह शब्द मन मतिष्क पर चिन्हित हो गए कि इतने बड़े ओहदे पर विराजमान व्यक्ति इतना सरल स्वभाव के हैं। उनके इसी प्रभाव के चलते संघ के स्वयंसेवक तो काम करते है। आम आदमी इसलिए उनकी तारीफ करता है कि वो जरूरतमंदों की बात सुनते हैं। मेरठ की विद्या यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति प्रदीप जैन का यह कथन कि आलोक जी समाजहित में बहुत काम करा रहे हैं। उस दिन पूरी तौर पर सही लगा। मृदभाषी आदमी से मुलाकात के आधार पर यह कह सकता हूं कि संघ परिवार अब वट वृक्ष बन गया है। इसका नाम और काम समाज को जोड़ने का होता रहेगा। जैसा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं आरएसएस के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार जैसे लोग अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए कार्य कर रहे हैं। ऐसा ही चला तो मैं तो इससे कोई खास लगाव नहीं रखता हूं लेकिन यह लगता है कि यह एकमात्र ऐसा संगठन है जो देश की मजबूती अखंडता के लिए काम करने के लिए प्रयास कर रहा है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
संघ प्रमुख के प्रयासों से एक दिन हर कोई मुख्यधारा में शामिल होगाए सह सरकार्यवाह आलोक जी जैसी विभूतियां आम आदमी को संघ से जोड़ने का कर रही हैं काम
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