संस्कृत भाषा को घर घर तक पहुंचाने और जनमानस की के बोलने की भाषा बनाने के लिए सरकार द्वारा भरपूर प्रयास किये जा रहे है। और इस क्रम में दिल्ली विवि ने संस्कृत विभाग की डिग्री को डीयू के समकक्ष दर्जा देने का निर्णय लिया है।
डीयू के संस्कृत विभाग द्वारा प्रस्तावित किसी भी क्षेत्र-विशेषज्ञता के अनुरूप केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई डिग्रियों को अनुसंधान और रोजगार के उद्देश्य से डीयू द्वारा प्रदान की गई डिग्री के समकक्ष मानने पर भी बैठक के दौरान विचार किया गया। इसके तहत शास्त्री को बीए, सम्मानित शास्त्री को बीए (ऑनर्स) (चतुर्थ वर्ष यूजी), आचार्य को एमए, शिक्षा शास्त्री को बीएड., शिक्षा आचार्य को एमएड, विद्या वारिधि को पीएचडी और वाचस्पति को डीलिट के समकक्ष माने जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया गया।
मालूम हो कि डीयू का संस्कृत विभाग पीजी विद्यार्थियों के लिए वैदिक वांगमय (वेद, उपनिषद आदि), दर्शन (योग, न्याय, वेदांत आदि), साहित्य शाख, संस्कृत भाषा और व्याकरण, धर्म शास्त्र, लिपि शास्त्र, आधुनिक संस्कृत साहित्य शाख, इतिहास और पुराण एवं ज्योतिष आदि वैकल्पिक पाठ्यक्रम/विशेषज्ञताएं प्रदान कर रहा है। संस्कृत विश्वविद्यालयों द्वारा इन शोध पत्रों में दी जाने वाली आचार्य डिग्री को दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत के परास्नातक कार्यक्रम के समतुल्य माना जाएगा। इसी प्रकार, संस्कृत विश्वविद्यालयों द्वारा ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में दी जाने वाली आचार्य डिग्री को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एमए में ज्योतिष शास्त्र के समतुल्य माना जाएगा।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी माह में संस्कृत विद्यालयों की बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी के तीसरे सप्ताह में आयोजित की जाएंगी। जबकि परीक्षा फार्म छह अगस्त से भरे जाएंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की कार्यकारिणी समिति ने मंगलवार को परीक्षा से जुड़े कार्यक्रम को हरी झंडी दी। साथ ही संबद्धता समिति ने 12 नए कालेजों की संबद्धता पर भी मुहर लगाई।
परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार विद्यार्थी छह से 15 अगस्त तक पंजीकरण शुल्क जमा करेंगे। परीक्षा शुल्क 16 से 27 अगस्त तक जमा किया जाएगा और विलंब शुल्क के साथ 31 अगस्त तक शुल्क जमा होगा। आवेदन पत्रों में सुधार 16 से 26 सितंबर तक और परीक्षा आवेदन पत्र डीआईओएस कार्यालय में 30 सितंबर तक जमा किए जाएंगे। परीक्षा केंद्र का निर्धारण जिला स्तर पर 15 अक्तूबर, मंडल स्तर पर 21 अक्तूबर तक तय किए जाएंगे। प्रयोगात्मक परीक्षाएं 10 से 25 जनवरी तक और बोर्ड परीक्षा फरवरी के तीसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी।
परिषद सचिव शिवलाल के अनुसार कि इसके साथ ही मान्यता के लिए भू-स्वामित्व 15 वर्ष की लीज पर मान्य की गई। वहीं विद्यालय प्रशासन योजना को संशोधित कर विद्यालय संचालन योजना कर दिया गया। अब विद्यालय अपनी कार्ययोजना बनाकर इसको लागू कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि संबद्धता समिति ने 12 विद्यालयों को मान्यता पर भी सहमति दी और तीन कालेजों के डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने के आवेदन भी स्वीकृत किए गए।
संस्कृत प्रेमी पाठकोें में डीयू से संबंध खबर को पढ़कर उत्साह है। कुछ पाठकों का यह भी कहना है कि अब धीरे धीरे संस्कृत भाषा आम आदमी की पंसद बनती जा रही है इसलिए इससे संबंध स्कूलों में जो कई प्रकार का भ्रष्टाचार होने की खबरे पढ़ने व सुनने को मिलती है जांच कराकर उन पर रोक लगाने हेतु केन्द्र व प्रदेश सरकार करे प्रयास। जिससे इस डिग्री का सम्मान इसी प्रकार बढ़ता रहे।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)