लखनऊ,02 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया है कि किसी वाहन का बार-बार चालान होता है तो संबंधित व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट निरस्त कर दिया जाएगा। इस कार्रवाई को फास्टैग से जोड़ा जाए। हादसे रोकने के लिए स्कूलों-कालेजों में छह से 10 जनवरी तक सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए मोटरसाइकिलों से ऊंची आवाज करने वाले मोडिफाई साइलेंसर और हॉर्न हटां। नाबालिगों के ई-रिक्शा चलाने पर रोक लगाई जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर साल 23 से 25 हजार मौतें सड़क हादसे में होती है। इससे राष्ट्रीय क्षति होती है। उन्होंने सभी जिलों में पांच जनवरी तक जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक पूरी कर लेने के निर्देश दिए। सड़क सुरक्षा माह सभी 75 जिलों में पूरा करा लिया जाए। हर माह जिलों में सड़क सुरक्षा की बैठक भी हो। सीएम ने निर्देश दिए कि जिलों में वो जगहें चिन्हित करें, जहां हादसे ज्यादा होते हैं। खत्म करने की कार्ययोजना बनाएं।
ई-रिक्शा व अन्य वाहनों का संचालन नाबालिग न कर पाएं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। ई-रिक्शा का पंजीकरण जरूर किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाए जाएं, जिससे लोगों को आवागमन में भी सहूलियत हो। ओवरलोडिंग कतई बर्दाश्त नहीं है।
एक्सप्रेसवे व हाइवे पर लोडेड वाहन भी खड़े रहते हैं, जो दुर्घटना का कारण बनते हैं। इन वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटवाया जाए। हेलमेट, सीट बेल्ट और सड़क सुरक्षा के अन्य मानकों को अपनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर प्रेरित किया जाए।
योगी ने कहा कि किसी वाहन का बार-बार चालान होने पर लाइसेंस/परमिट निरस्त किया जाए। इस कार्रवाई को अनिवार्य रूप से फास्टैग से जोड़ा जाए। सूचना, परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों की तरफ से अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाए। इसे सभी 75 जिलों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगरीय निकायों के बाहर भी लगाया जाए।
बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों से स्कूली बच्चों को जोड़ते हुए यातायात नियमों से जुड़े विषयों पर नाटक, संगीत, कविता, निबंध, संगोष्ठी, भाषण, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें पांच जनवरी तक हर हाल में पूरी कर ली जाएं। इसके अलावा सीएम योगी ने स्कूल-कालेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जिले में सड़क सुरक्षा पार्क बनाने के निर्देश दिए।
पीआरडी व होमगार्डों की संख्या बढ़ाने के निर्देश
उन्होंने महाकुंभ में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए पीआरडी व होमगार्डों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष प्रदेश में हो रहीं 23-25 हजार मौतों पर चिंता जताते हुए इसे देश व राज्य की क्षति बताया है। सीएम ने कहा कि यह दुर्घटनाएं जागरुकता के अभाव में होती हैं। सड़क सुरक्षा माह सिर्फ लखनऊ तक सीमित न रहे, इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में संपन्न कराया जाए।