Date: 08/09/2024, Time:

डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी दें ध्यान रूड़की रोड की कॉलोनियों में रहने वाले बिना मतलब के बैरिकैटिंग से हैं परेशान

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1980 के दशक में मैं खुद छह बार हरिद्वार और एक बार ब्रजघाट से कांवड़ लेकर पुरा महादेव और काली पलटन मंदिर आ चुका हूूं और उस समय ना तो कावंड़ियों के लिए सेवा शिविर लगते थे और ना ही कोई पानी पिलाना जरूरी समझता था। आखिरी कांवड़ लेकर आया तो हरियाणा वालों ने बाहदराबाद के पास सेवा शिविर लगाए और मेरठ पहुंचा तो पीएसी के सामने सदर बाजार के एक व्यापारी ने नींबू पानी का स्टाल लगाया था। उस समय भी यह यात्रा भोले शंकर का नाम लेने से आसान हो जाती थी और पैरों में छाले और सूजन के साथ अपने गंतव्य की ओर बढ़ते थे।
आज पूरे देश में धार्मिक प्रवृति और भक्ति भाव से सराबोर लोग कांवड़ सेवा शिविर लगा रहे हैं जहां गर्म पानी, दवाईयां उपलब्ध कराते नजर आते हैं और तो कहीं पर खाने व्यंजन शिविर संचालकों द्वारा परोसे जाते हैं। हर साल कांवड़ सेवा शिविरों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए शिवभक्तों का जलार्पण कराने के लिए पुलिस प्रशासन को व्यवस्था करना जरूरी है। जिससे कोई विवाद खड़ा ना हो और शिवरात्रि के बाद हम शांति से अपना जीवन यापन कर सके।
लेकिन व्यवस्थाओं की आड़ में जानकारों से बिना चर्चा जगह जगह बैरिकैटिंग लगाकर कट बंद कर देना और उन क्षेत्रों में नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार करना ठीक नहीं कहा जा सकता। हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक की बात करें तो रूड़की तक कांवड़ियों को मुजफफरनगर मेरठ और आगे जाते हैं वो खतौली की नहर से होते हुए मंगलौर तक पहुंचते हैं। मुरादाबाद बिजनौर और उधमसिंह नगर के कांवड़िये दूसरे रास्ते से चले जाते हैं। सरकार द्वारा कांवड़ियों की सुविधा के लिए चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग बनाया गया है। अगर मेरठ से आगे जाने वाले कांवड़ियों को वहां से मोड़ दे तो वह बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ सकते हैं। आगे आने वालों को पल्लवपुरम से परतापुर के लिए भेज सकते हैं। शहर में नागरिकों को काफी परेशानी हो रही है। मेरठ में जो जल लेकर आते हैं वो एक दिन पहले बड़ी संख्या में आते हैं। उससे पहले सौ दो सौ ज्यादा आते हो वो अलग है। शहर में आने वाले शिवभक्तों के लिए तीस जुलाई से फ्लाईओवर का मार्ग और कट बंद किए जाने चाहिए जो 25 से ही बंद कर दिए गए। अधिकारियों को तो कोई समस्या नहीं होती। उनकी गाड़ियों का काफिला तो मंदिर तक पहुंच जाता है। झेलना आम आदमी को है। इन अफसरों को जनप्रतिनिधि बताए तो व्यवस्था में सुधार हो सकता है। लेकिन ज्यादातर बयान देने के अलावा ठोस प्रयास करते नजर नहीं आ रहे। मेरा मानना है कि रूड़की रोड के लाखों लोगों की परेशानी अफसरों को बताकर उनका समाधान किया व कराया जाए। क्योंकि कटों पर बैठे पुलिसकमी बिना मतलब भिड़ने को तैयार हो जाते हैं और उनकी जो भाषा होती है वो असहनीय होती है।
मेरा राज्यसभा सांसद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल कैंट विधायक अमित अग्रवाल एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज और भाजपा के महानगर व जिलाध्यक्ष से आग्रह है कि समय से पहले कट बंद कर जो परेशानी हुई है अभी चार दिन बाकी है इसलिए अफसरों डीएम एसएसपी से वार्ता कर जो ये सख्ती बिना मतलब की जा रही है उसे रोका जाए और पल्लवपुरम फ्लाईओवर से कांवड़ मार्ग पर ढील देकर जनजीवन को सामान्य बना रहना चाहिए। एक तारीख को कांवड़ियों का रेैला चलेगा तो प्र्रमुख कॉलोनियों के गेट के कट छोड़कर बंद कर दें।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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