Date: 18/10/2024, Time:

क्या सांसद मेरठ के प्रतिनिधि को सरकार विरोधी कार्य को बढ़ावा देने का अधिकार है! चंद्रशेखर ने एमडीए वीसी से क्यो किया ऐसा व्यवहार जो सरकार की नीतियों का विरोध करता हो

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा प्रदेशभर में सरकारी हरित पटटी या रोड बाइडिंग की जमीन घेरकर बेचने या उस पर अवैध निर्माण करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश कई बार दिए जा चुके हैं। अभी पिछले दिनों भी योगी सरकार ने अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तेज की है जिससे यह स्पष्ट होता है कि शहरों के सौंदर्यीकरण और सुनियोजित विकास तथा सरकारी की निर्माण नीति का पालन कराने और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त रूख अपना रही है।उसके बावजूद बीती 10 जून को कंकरखेड़ा क्षेत्र में एक अवैध निर्माण तोड़ने को लेकर गुस्साए व्यापारियों और भाजपा नेताओं ने वीसी एमडीए का घेराव व वहां मौजूद अन्यों के साथ धक्का मुक्की की।
इस मौके पर वहां मौजूद किसी व्यापारी ने मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट के नवनिर्वाचित सांसद अरूण गोविल जी के प्रतिनिधि बताए जाने वाले चंद्रशेखर नामक व्यक्ति को फोन मिलाकर वीसी एमडीए को पकड़ा दिया गया। इस बारे में प्रकाशित खबरों के अनुसार अपने आप को सांसद प्रतिनिधि बताने वाले ने वीसी से फोन पर कहा कि 80 सीटों में से 33 रह गई। ऐसे में अफसरों का यह व्यवहार गलत है। अफसर सपा को अगला विधानसभा चुनाव जीताना चाहते हैं इसलिए व्यापारियों को फोकस कर तोडफोड की जा रही है। इसके अतिरिक्त उनका कहना था कि मैं सांसद प्रतिनिधि हूं। टीम को भेजने से पहले सांसद से पूछा था क्या। और धमकाते हुए कहा गया कि जहां कार्रवाई करने गए थे क्या सांसद से अनुमति ली थी। जहां भी कार्रवाई करने जाएं पहले सांसद से पूछ लिया करे। सांसद प्रतिनिधि के द्वारा वीसी से कहे उक्त शब्द बीते दो दिनों से आम जनमानस में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बारे में जानकारों का कहना है कि सांसद प्रतिनिधि को अगर कोई जनसमस्या है और सरकार की योजना के विपरीत नहीं है तो सिफारिश करने तक तो ठीक है वो भी सांसद की सहमति से लेकिन सरकार की नीतियों के खिलाफ जाकर अधिकारियों को धमकाने का अधिकार सांसद प्रतिनिधि की बात तो दूर शायद खुद सांसद को भी नहीं है। मेरठ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवनीश काजला का कहना है कि जब सीएम का आदेश है और उसका पालन एमडीए वीसी करा रहे थे और प्रभावितों द्वारा उसका विरोध किया जा रहा था ऐसे में सांसद प्रतिनिधि ने जो कहा वो बिल्कुल भी उचित नहीं है। मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना और सरकार की मुखालफत करना हैं। ऐसी घटनाओं से पता चलता है कि सत्ताधाारी दल के लोग क्या कर रहे है।
स्मरण रहे कि अवैध निर्माण मानचित्र के विपरित कार्य रिहायशी भूमि पर कॉमर्शियल गतिविधियां और सरकारी भूमि घेरकर बेचने तथा रोड बाइडिंग व हरित पटटी पर निर्माण की खबरें आए दिन छपती है। पहले तो संबंधित विभाग के अधिकारी कार्रवाई ही नहीं करना चाहते और अगर कहीं करते हैं और यह स्पष्ट है कि वहां गलत काम हो रहा था ऐसे में सांसद प्रतिनिधि चंद्रशेखकर को सीधे सीधे एमडीए वीसी से मोबाइल पर इस तरह से सिफारिश करना ध्यान से सोचें तो सांसद को तो बदनाम करने की भूमिका निभाना तो है ही सरकार की जनहित की नीतियों का भी विरोध करना है। अब अगर जिम्मेदार लोग ही इस प्रकार की कार्रवाई को खुलेआम बढ़ावा देंगे तो यह पक्का है कि सरकार की नीतियों के विरूद्ध कार्रवाई करने वालो के हौंसले बुलंद होते चले जाएंगे और सांसद प्रतिनिधि की यह बात उन्हें और बढ़ावा देगी। पिछले कुछ माह में ऐसी घटनाओं से ही अवैध कॉलोनी काटने और अवैध निर्माण करने तथा सरकारी जमीन दबाने वालों के द्वारा तीन बार एमडीए कर्मचारियों के दम से जो कच्ची कॉलोनियां गिराने गए दुर्व्यवहार किया गया। ऐसे में सांसद प्रतिनिधि चंद्रशेखर की कार्यप्रणाली कहे अनकहे रूप में सरकार विरोधी काम करने वालों को बढ़ावा देने की ही कही जा सकती है। सत्ताधारी दल की विचार धारा रखने वाले उन कुछ लोगों का भी कहना है जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की योजनाओं को लागू करवाना चाहते हैं। उनका मानना है कि चंद्रशेखर से सरकार को जवाब तलब करना चाहिए और सांसद को लेना चाहिए सख्त निर्णय। क्योंकि ऐसा नहीं होता है तो आम आदमी सरकार की हर नीति का विरोध सड़क पर आकर करने लगेगा और भूमाफियाओं और अवैध निर्माणकर्ताओं के हौंसले बढ़ते ही जाएंगे जिसे सही नहीं कहा जा सकता।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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