देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त समाज और लापरवाही करने वाले लोगों के विरूद्ध कार्रवाही का जो अभियान चला रखा है उसमें मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा कहे गये शब्द भ्रष्टाचार मिटाने में जनता हमारा साथ दे। अगर कोई रिश्वत मांगे तो शिकायत उनसे की जाए वो सही हुई तो 11 हजार रूपये का दिया जाएगा इनाम। बीते दिवस कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत के चौधरी चरण सिंह सभागार में आयोजित किसान समाधान दिवस में मौजूद लोगों द्वारा खुले आम चल रहे भ्रष्टाचार के मुद्दो को उठाया गया। कई ने तो यहां तक कहा कि पूरा सिस्टम ही भ्रष्ट हो गया है। चकबंदी व बिजली विभाग बिना पैसों के किसी का काम नहीं कर रहे है। ऐसे आरोपों के विरूद्ध डीएम ने जो घोषणा की और कहा वो अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण बिन्दु है। मगर डीएम साहब सवाल यह उठता है कि आखिर नागरिक ही क्यों करे शिकायत जिला प्रशासन अपने सूत्रों से इसके लिए प्रयास कर कार्रवाई करने का प्रयास क्यों नहीं करता। मुझे लगता है कि इस संदर्भ में जनता जो सहयोग करे वो तो करे ही खुद जिलाधिकारी जी को गोपनीय अभियान चलाकर भ्रष्टाचारियों की गिरफ्तारी और फिर पकड़े जानों वालों के विरूद्ध कार्रवाई कराये। क्योंकि कितने ही मुद्दे ऐसे होते है कि नागरिक शिकायत करने से बचते है एक तो उनका जो काम है खटाई में पड़ जाता है और फिर कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि बाकी अधिकारी कर्मचारी शिकायतकर्ता से एक प्रकार से दुश्मनी मानने लगते है और बार बार एक अधिकारी के पास प्रार्थना लेकर जाने के बाद वो भी यह कहकर टाल देते कि जांच कराई जाएगी सही पाए जाने पर कार्रवाई होगी। अब वो जांच कब होगी यह कोई नहीं कह सकता। लेकिन आश्वासनों के चक्रव्यूह में फंसकर आम आदमी परेशान होकर रह जाता है इसलिए जिलाधिकारी जी आपका प्रयास सराहनीय है इसमें जनता के सहयोग से ज्यादा आपके सहयोगी अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है इसलिए यह अभियान नागरिकों के बजाए अपने सहयोगियों के साथ शुरू कीजिए तो मुझे लगता है कि इसका ज्यादा असर होता नजर आयेगा।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
डीएम साहब भ्रष्टाचार मिटाने हेतु अपने साथियों से चर्चा कीजिए
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