asd डीएम साहब आपने तो कमाल कर दिया, पहली बार किसी अफसर ने दिया ऐसा आदेश

डीएम साहब आपने तो कमाल कर दिया, पहली बार किसी अफसर ने दिया ऐसा आदेश

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राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह समापन के मौके पर जगह जगह आयोजन हुए। इस काम में सहयोग करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। किसी ने गुलाब भेंट किए तो किसी ने माला और दुपटटा पहनाकर सम्मानित कर एक दूसरे की प्रशंसा भी की। लेकिन नागरिकों को सबसे बड़ा तोहफा मेरठ के जिलाधिकारी वीके सिंह ने यह कहकर दिया कि 30 दिन में सड़कों को गडढा मुक्त करें वरना कराउंगा मजिस्ट्रियल जांच। बताते चलें कि वर्तमान समय में ज्यादातर नागरिक गंदगी जलभराव और बिजली के साथ साथ टूटी सड़कों और गडढों को लेकर बुरी तरह परेशान और मानसिक रूप से आहत है। क्योंकि आए दिन सड़क के गडढों को लेकर जो दुर्घटनाएं हो रही हैं वो जानमाल के नुकसान का भी माध्यम बन रही हैं।
उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा जब कार्यभार संभाला गया था तो 30 दिन में प्रदेश की सड़कों को गडढामुक्त करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने तो जनहित में आदेश दे दिए लेकिन जिन्हें करना था उन्होंने बेशर्मी का रूख अख्तियार किया जिससे प्रदेश की सड़कें गडढामुक्त नहीं हो पाईं। लेकिन मेरठ जनपद को अच्छी प्रकार से जानने वाले प्रशासनिक व्यवस्था में दक्ष सुलझे विचारों के पारदर्शी वातावरण में काम करने वाले जिलाधिकारी ने जो मजिस्ट्रियल जांच कराने की चेतावनी दी है। अगर ऐसा हो गया तो यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि भले ही तीस दिन में पूरी तौर पर ना हो लेकिन गडढामुक्त सड़क बनाने का अभियान शुरू जरूर हो जाएगा। अगर डीएम साहब व उनके सहयोगी अधिकारियों ने निगरानी रखी तो देर सवेर सड़कें गडढा भी मुक्त हो सकती हैं।
जिलाधिकारी जी जिस प्रकार से मजिस्ट्रियल जांच कराने की बात कही गई हैं अगर सड़कें बनानें वाली संस्था को यह भी बता दिया जाए कि निर्धारित समय से पहले सड़कें टूटी तो उसकी भरपाई ठेकेदार से करने के अलावा कार्रवाई की जाएगी तो पुख्ता रूप से सड़कें गडढामुक्त कुछ समय के लिए जरूर हो सकती हैं। बाकी यह तो कहा ही जा सकता है कि पहली बार किसी जिलाधिकारी ने ऐसा प्रभावी आदेश इस संदर्भ में दिया है। जिसे लेकर पाठकों का यह कहना बिल्कुल सही नजर आता है कि डीएम साहब आपने तो कमाल कर दिया। ऐसा सख्त कदम किसी डीएम ने पहली बार उठाया है। जिससे यह बड़ी उम्मीद बंधी है कि प्रतिदिन दुर्घटनाओं के कारण बनने वाले कंपनी बाग और गिरजाघर के बीच के गडढे भरने से नागरिकों को राहत मिलेगी और बाकी तो डीएम साहब यहां तो सड़कों में गडढें नहीं गडढों में सड़कें हैं। इसके लिए आपको मुख्य मार्गों से लेकर लिंक मार्गों और बाजारों का एक बार सर्वेक्षण करना होगा। यह काम आप दूसरों से भी करा सकते हैं लेकिन खुद जाने से वर्तमान के मेरठ की पूरी जानकारी आपको हो जाएगी और पहले से मजबूत पकड़ और भी मजबूत होते देर नहीं लगेगी।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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