मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके दारा सिंह प्रजापति की किला रोड पर स्थित कॉलोनी के फलैटों पर बुल्डोजर चलाकर ध्वस्त करने की बात कही जा रही है। एक खबर के अनुसार दारा सिंह प्रजापति की इस कॉलोनी पर दूसरी बार कार्रवाई हुई बताई जाती है। अगर यह सही है तो जब एक बार बुल्डोजर चल चुका था तो दोबारा कैसे बन गई और ध्वस्तीकरण किस प्रकार किया जा रहा है इसका पता छपी खबरों में फाइलों को देखकर किया जा सकता है। कहीं सड़क तोड़ी तो कहीं गेट और कॉलोनी को ध्वस्त करने का दावा कर दिया। जानकारों का कहना है कि दो साल में जितनी कॉलोनी के ध्वस्तीकरण के दावे किए गए उनकी जांच कराई जाए तो मेडा अधिकारियों की कार्यप्रणाली सबके सामने आ सकती है। दारा सिंह प्रजापति की कॉलोनी पर कार्रवाई होने के बाद चर्चा हो रही है कि इस पर दूसरी बार भी कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं जबकि मवाना रोड पर जेपी कॉलेज संचालकों में शमिल लोगों द्वारा जेपी रेजीडेंसी के नाम से जो कॉलोनी बनाई गई है जानकारों का कहना है कि कृषि भूमि पर कॉलोनी कटती जा रही है उस पर ना तो नक्शा पास हो सकता है और ना ही कृषि योग्य भूमि पर कॉलोनी काटकर बेची जा सकती है। जेपी स्कूल की जगह में से नियम विरूद्ध कॉलोनी का रास्ता दिया गया है। ऐसी कॉलोनियांे की तादात मेडा क्षेत्र में मिल जाएंगी। तो फिर मेडा अधिकारी सब जगह अभियान क्यों नहीं चला रहे। एक बात तो सबको समझ आती है कि मेडा अधिकारी कुछ ही निर्माण और कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं और बाकी को बचाने के लिए सीएम पोर्टल पर आई शिकायतों पर फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा दफा कर देते हैं। मंडलायुक्त अगर जांच कराएं तो सैंकड़ों कॉलोनियां नियम विरूद्ध मिलेंगी। इसी प्रकार गढ़ रोड पर रिहायशी भूमि पर हल्दीराम शोरूम जैसे कॉमर्शियल निर्माण मिल सकते हैं। जहां बड़े शोरूम खुल गए हैं। मंडलायुक्त ध्वस्त कराई कालॉनियों और सील लगाए निर्माणों का निरीक्षण कर कार्रवाई की जाए तो अवैध कॉलोनियेां का प्रचलन रूक सकता है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
मंडलायुक्त दें ध्यान कृषि भूमि पर हुए निर्माण और कच्ची कॉलोनियों को ध्वस्त करने के नाम पर किसे गुमराह कर रहे हैं मेडा के अधिकारी
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