वर्तमान समय में सभी जातियों से संबंध उनके नेता और प्रमुखों द्वारा सरकार से अपने समाज के लोगों के उत्थान और उनके लिए कुछ नया करने हेतु आयोग और बोर्ड बनाने की मांग आये दिन किये जाने की खबरें पढ़ने और सुनने को मिलती है। अगर देखे तो इसमें कोई बुराई भी नहीं है क्योंकि समाज में हर जाति के अन्दर कुछ धनसंपन्न और पावरफुल लोग है तो कुछ गरीब और कमजोर लोग भी है। जिनकी भलाई के लिए सरकार से मांग किया जाना गलत नहीं है।
आजकल रोज ही पर्यावरण संतुलन और वृक्षारोपण तथा उनके कटान पर रोक और जीव जन्तुओं के संरक्षण से संबंध खबरें पढ़ने और सुनने को मिलती है। तथा सरकार भी इन मामलों में बजट का काफी हिस्सा खर्च करने के अतिरिक्त प्रयास भी कर रही है। और सही काम न कर पाने वाले अफसरों के विरूद्ध कार्रवाई भी की जा रही है। जो इस बात का प्रतीक है कि हमारे जनप्रतिनिधि जो सत्ता संभाल रहे है वो इन बिन्दुओं को लेकर काफी गंभीर है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय बिश्नोई मिलन के राष्ट्रीय महामंत्री व मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के संस्थापक महामंत्री के रूप में सरकार से यह मांग करता हूं कि देश भर में बिश्नोई समाज की संख्या को ध्यान में रखते हुए इससे संबंध नागरिकों की हर क्षेत्र में मौजूदगी तय करने हेतु सरकार एक आयोग या बोर्ड इस समाज को बढ़ावा देने के लिए बनाने के साथ ही सरकार में जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले महत्वपूर्ण पदों लोकसभा राज्यसभा विधानसभा विधान परिषदों और विभिन्न विभागों के जो बोर्ड बनाये जाते है उनमें उचित स्थान जिस प्रकार अन्य वर्ग और जातियों को दिये जाते है दिये जाए। क्योंकि इस समाज के लोग गरीब हो या अमीर स्वांभामानी होने के साथ ही समाज सेवा और राष्ट्र उत्थान तथा सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वन का काम तब से कर रहे जब से कोई इन बारे में जानता भी नहीं था।
अब से कई सौ साल पूर्व गुरु जम्भेश्वर जी महाराज जिन्हें भगवान कृष्ण और विष्णु का अवतार भी कहते है के द्वारा विश्व को अपने अभियान जीव जन्तुओं की सुरक्षा वृक्षों की रक्षा और पर्यावरण संतुलन पर काम करके और अपने लोगों को इसमें आगे बढ़कर काम करने की प्रेरणा देकर प्रथम दृष्टया नागरिकों को प्रेरणा दी गई वो उल्लेखनीय थी। मगर बिश्नोई समाज जैसा की मैंने देखा है कि मांगने में कम और करने में ज्यादा विश्वास रखता है इसलिए अगर ध्यान से सोचे तो मावन हित का सबसे बड़ा काम इसके द्वारा ही किया जाता रहा है। लेकिन ग्रामीण कहावत बिना रोये तो मां भी दूध नहीं पिलाती यहां लागू हो रही है इसलिए मेरा देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी जो सर्व समाज के हितों के लिए काम कर रहे है से विन्रम अनुरोध है कि वो बिश्नोई समाज को बढ़ावा देने और आगे लाने के लिए भी राष्ट्रीय स्तर पर योजनाऐं बनाये।
मेरा बिश्नाई समाज के प्रमुख लोगों से जो किसी भी राजनीतिक दल या समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय है से आग्रह है कि उन्हें अब यह समझना होगा कि ग्रामीण कहावत बिना मांगे मोती मिले मांग मिले ना भींख अब सिर्फ कहावतो में ही रह गई है अब अपने आप को आगे बढ़कर प्रस्तुत करने और अपने कार्यों को दर्शाकर हितों की मांग करने का समय है। अगर राजनीति में प्रतिनित्धिव और प्रशासनिक सेवाओं में अपने बच्चों की उपस्थिति और सहभागिता तय करनी है तो अन्य लोगों द्वारा जो कार्यप्रणाली अपनाई जा रही है वो ही हमें भी अपनानी पड़ेगी। क्योंकि यह किसी से छिपा नही है कि इतने बड़े लगभग डेढ अरब आबादी वाले देश में आसानी से सरकार और उसे चलाने वाले हर बिन्दू पर ध्यान नहीं दे पाते है। और सभी जानते है कि परिवार में भी अगर चार बच्चे है तो जो सबसे कम बोलता है और सीधा साधा होता है उसकी ओर तो पहले कोई ध्यान नहीं देता अगर देता है तो बाद में। वो ही स्थिति बिश्नोई समाज की सुविधा अधिकार मिलने के मामले में हो रही लगती है हम ही पीछे क्यों रहे। समाज के सभी अग्रणी व्यक्तियों चाहे वो किसी भी क्षेत्र में सक्रिय है अखिल भारतीय बिश्नोई मिलन उनसे मांग करता है कि आओ आगे बढ़ो और अपने व अपने परिवार व समाज के लिए अधिकार प्राप्त करने हेतु राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी द्वारा दिखाये गये प्रेरणास्रोत मार्ग पर चलकर समाज का गौरव और सम्मान बढ़ाने के साथ साथ राष्ट्र और समाज हित में काम करने के अतिरिक्त गुरु जम्भेश्वर जी महाराज ने जो मार्ग दिखाया है उस पर खुद भी चले और अन्यों को भी प्रेरित करे। क्योंकि बिश्नोई समाज के बीस नियम वर्तमान समय में हर क्षेत्र में खुशहाली लाने में सक्षम है।समाज के लोगों को हरियाणा से प्रकाशित समाज की पत्रिका अमर ज्योति जैसी पुस्तकों को बढ़ावा देकर अन्यों को भी सबके हित में काम करने और बिश्नोई समाज के इतिहास से अवगत कराने के लिए आगे आना चाहिए। तथा जहां भी हम निवास करते है उस गांव कस्बा महानगर जिला प्रदेश वहां सक्रिय सभी दलों के राजनेताओं को अपनी समस्याओं और मांगों से संबंध ज्ञापन दे। जिससे हमारी बात गांव से लेकर केन्द्र तक पहुंच सके और नेता उस पर चर्चा कर सके।
(प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई संपादक पत्रकार पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी संस्थाक सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए)