asd डेढ़ घंटे बेजान रहे दिल को धडकाकर मौत को दी मात

डेढ़ घंटे बेजान रहे दिल को धडकाकर मौत को दी मात

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ओडिशा 19 नवंबर। ओडिशा के एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टरों ने चमत्कार कर दिखाया है। डॉक्टरों ने करीब-करीब मृत हो चुके व्यक्ति की धड़कनें फिर से लौटा दीं हैं। दअरसल, नयागढ़ जिले के शुभकांत साहू को 1 अक्टूबर को एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया था। 24 घंटे से शुभकांत को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर शुभकांत के परिजन रात 12 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। इसके बावजूद कहीं कुछ न हुआ।

1 अक्टूबर की सुबह 7 बजे उन्हें बेसुध हालत में एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, जब शुभकांत का इलाज चल रहा था तभी लगभग 10 बजे उनकी दिल की धड़कने बंद हो गईं। 40 मिनट तक सीपीआर देने के बाद भी शुभकांत की दिल की धड़कने शुरू नहीं हुईं।

इस दौरान डॉक्टरों के पास सिर्फ 2 विकल्प बचे थे। पहला ये कि या तो शुभकांत को मृत घोषित कर दिया जाए या फिर उसे एकमो (ECMO) पर डाल कर एक बार फिर कोशिश की जाए। इस प्रक्रिया में एक डिवाइस को रोगी के शरीर में लगाया जाता है, जो दिल की तरह काम करता है और खून को पंप करता है।

ये मशीन फेफड़ों, दिल और नसों में खून पंप करता है। दिल की धड़कनों के रुकने के 80 मिनट बाद लगभग 11 बजे डॉक्टरों ने रोगी को ECMO पर डाला और उसका इलाज फिर से शुरू किया। ECMO पर डाल कर इलाज करने के 40 मिनट बाद एक चमत्कार हुआ। ‘मृत’ शुभकांत की धड़कनें फिर से धड़काना शुरू हो गईं। शुभकांत की सांसे लौट आईं।

30 घंटों बाद धड़कनें सामान्य हालत में लौटी
ECMO पर इलाज के 30 घंटों बाद दिल की धड़कनें सामान्य हालत में लौटी। ECMO के 96 घंटों के बाद शुभकांत को वेंटीलेटर पर रखा गया। 2 हफ्तों तक वेंटीलेटर पर रखने के बाद रोगी को होश आया और उसने अपनी आंखें खोली।
अभी मौत को चकमा दे कर लौटे शुभकांत की हालत ठीक है और वो फिर से मुस्कुरा रहे हैं। देशभर में ऐसी चमत्कार या कह लें कि इलाज बहुत कम देखने को मिलता है। ओडिशा और भारत के पूर्वी भाग में ये पहला मामला है, जब ऐसा कुछ देखा गया है।
शुभकांत ने मौत के मुंह से लौटने के बाद डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया है। डॉक्टरों ने भी इसे चमत्कार बताया है।

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