asd गुरु परिवार की हत्या करने वाले शिष्य को फांसी की सजा

गुरु परिवार की हत्या करने वाले शिष्य को फांसी की सजा

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कैराना (शामली) 23 मई। भजन गायक अजय पाठक, उनकी पत्नी और दो बच्चों की नृशंस हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने हत्यारे शिष्य हिमांशु सैनी को फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने उस पर 2.20 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अजय के स्वजन ने फैसले पर संतोष जताया। जिला शासकीय अधिवक्ता (क्राइम) संजय चौहान ने बताया कि 30 दिसंबर 2019 को शामली के मोहल्ला पंजाबी कालोनी में 42 वर्षीय अजय पाठक, 38 वर्षीय पत्नी स्नेहलता पाठक व 15 वर्षीय बेटी वसुंधरा के शव घर से बरामद हुए थे। उनकी धारदार हथियार से हत्या की गई थी, जबकि अजय के 10 वर्षीय बेटे भागवत का शव उसी शाम हरियाणा में पानीपत टोल प्लाजा के निकट अजय की ईको स्पोर्ट्स कार से अधजली अवस्था में बरामद हुआ था। घटना की रिपोर्ट अजय के भाई हरिओम पाठक ने थाना आदर्श मंडी में दर्ज कराई थी।

पुलिस ने राजफाश करते हुए अजय के शिष्य हिमांशु सैनी निवासी गांव झाड़खेड़ी थाना कैराना को गिरफ्तार कर मुजफ्फरनगर जेल भेज दिया था। तभी से वह जेल में था। साढ़े चार साल तक चले मामले में जिरह के दौरान 14 गवाह पेश किए गए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार की कोर्ट ने शुक्रवार को हिमांशु को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को जनपद न्यायाधीश ने 32 वर्षीय हिमांशु को फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट परिसर के बाहर अजय पाठक के भाई सूरज, दिनेश, कपिल व हरिओम मौजूद रहे। उन्होंने न्यायालय के फैसले पर संतोष व्यक्त किया ।

रुपयों के लालच में की थी हत्या : शहर को झकझोर देने वाले हत्याकांड का राजफाश भी चौंकाने वाला था। शिष्य हिमांशु ने ही गुरु परिवार की हत्या रुपयों के लालच में की थी । उसे पता था कि अजय पाठक के घर में नगदी, गहनों के अलावा कीमती सामान रखा है। वारदात को अंजाम देने के बाद उसने लूटी नगदी, जेवर और अन्य सामान को दिल्ली के बुराड़ी में अपने किराए के फ्लैट में छिपा दिया था। पुलिस ने फ्लैट से 22 लाख जेवर, दो लाख नगदी और कीमती सामान बरामद किया था।

डीएनए रिपोर्ट रही अहम : तत्कालीन थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह घटना के दौरान वसुंधरा के हाथों से मिले बाल और हिमांशु के बालों को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा था। रिपोर्ट से साबित हुआ कि वसुंधरा के हाथों में मिले बाल हिमांशु के थे। इसके अलावा गाड़ी से मिले शव का भी डीएनए टेस्ट कराया था। रिपोर्ट में शव अजय के पुत्र भागवत का निकला। जुलाई 2020 में लखनऊ लैब से डीएनए रिपोर्ट आई थी, जिसके बाद कोर्ट में सबूत के तौर पर उसका इस्तेमाल किया गया ।

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