देर से ही सही किसी भी माध्यम को लेकर निर्णय क्यों ना लिया गया हो लेकिन अपने स्तर पर कामयाब यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा लिया गया निर्णय कि अपराधी वारदात कर धार्मिक कार्यक्रमों मे शरण ले रहे अपराधियों की धरपकड़ हेतु अभियान चलाया जाए और इन पर नजर रखी जाए। खबर के अनुसार दूसरे प्रदेशों में बड़ी वारदात कर यूपी आने वाले बदमाश यहां हो रहे धार्मिक कार्यक्रमों का इस्तेमाल शरण लेने में कर रहे हैं। ऐसा ही यूपी में अपराध करने वाले बदमाश दूसरे प्रदेशों में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होकर खुद को बचा रहे हैं।
एसटीएफ ने कुछ ऐसी ही रिपोर्ट डीजीपी को दी है। इस रिपोर्ट पर ही डीजीपी ने यूपी के सभी कप्तानों, पुलिस कमिश्नरों व अन्य अफसरों को निर्देश दिए है कि ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों का पूरा ब्योरा रखा जाए। डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, एसटीएफ ने पहले के मामलों में गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की तो यह तथ्य सामने आए।
धार्मिक आयोजन में बाहरी लोगों पर नजर
डीजीपी ने प्रदेश के सभी कमिश्नर व अन्य जिलों को निर्देश दिए हैं कि धार्मिक आयोजनों में शामिल होने वाले बाहरी व संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जाए। एलआईयू व सोशल मीडिया सेल को सतर्क कर दिया जाए। उन्होंने बाहरी व्यक्तियों की गतिविधियों पर भी नजर रखने को कहा है।
यूपी पुलिस के डीजीपी की इस निर्णय की जितनी सराहना की जाए वो कम है क्योंकि अब वक्त की मांग है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत भयमुक्त वातावरण का नागरिकों को अहसास कराने और आम आदमी सुरक्षित जीवन यापन कर सके इसलिए अपराधी किसी भी प्रकार का हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का समय आ गया है और शायद इस कड़ी का यह पहला कदम भी कहा जा सकता है। जब शुरूआत हुई है तो भविष्य में और भी निर्णय लिए जाएंगे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
धार्मिक आयोजनों में शरण लेकर बचने वाले अपराधियों ? डीजीपी प्रशांत कुमार का निर्णय है सराहनीय
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