नई दिल्ली 18 मार्च। द एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के विश्लेषण के अनुसार, देश भर में 4,092 विधायकों में से कम से कम 45 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
एडीआर ने 28 राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के 4,123 विधायकों में से 4,092 के हलफनामों का विश्लेषण किया। 24 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि वे खराब तरीके से स्कैन किए गए थे या पढ़ने योग्य नहीं थे। विधानसभा में सात सीटें खाली हैं।
एडीआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 1,861 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें से 1,205 विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले शामिल हैं। आंध्र प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है, जिसके 138 विधायकों (79 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसके बाद केरल और तेलंगाना का स्थान है, जहां 69-69 प्रतिशत विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
एडीआर के विश्लेषण के अनुसार अन्य राज्य जहां के विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, उनमें बिहार (66 प्रतिशत), महाराष्ट्र (65 प्रतिशत) और तमिलनाडु (59 प्रतिशत) शामिल हैं। आंध्र प्रदेश 98 (56 प्रतिशत) के साथ, गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले विधायकों की सूची में भी शीर्ष पर है। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विधायकों वाले अन्य राज्य हैं तेलंगाना (50 प्रतिशत), बिहार (49 प्रतिशत), ओडिशा (45 प्रतिशत), झारखंड (45 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (41 प्रतिशत)।
टीएमसी के 95 विधायकों पर आपराधिक मामले
तृणमूल कांग्रेस के 95 विधायक (230 में से) आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें 78 पर गंभीर आरोप हैं। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार आम आदमी पार्टी के 123 विधायकों में से 69 (56 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 35 (28 प्रतिशत) पर गंभीर आरोप हैं। समाजवादी पार्टी के 110 विधायक हैं और उनमें से 68 (62 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एडीआर के विश्लेषण के अनुसार इनमें से 48 (44 प्रतिशत) पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं।
भाजपा को एक साल में ₹4340.47 करोड़ चंदा, 51% खर्च किया
ADR ने 17 फरवरी, 2025 को राष्ट्रीय दलों को मिले चंदे को लेकर रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में भाजपा को सबसे ज्यादा 4340.47 करोड़ रुपए का चंदा मिला। दूसरे नंबर पर कांग्रेस को 1225.12 करोड़ रुपए मिले।
रिपोर्ट में बताया कि पार्टियों को चंदे का बड़ा हिस्सा चुनावी बॉन्ड से मिला। भाजपा ने अपनी कमाई का कुल 50.96% यानी 2211.69 करोड़ रुपए, जबकि कांग्रेस ने अपनी इनकम का 83.69% यानी 1025.25 करोड़ रुपए खर्च किया।
AAP को चंदे में 22.68 करोड़ रुपए मिले, जबकि पार्टी ने उससे ज्यादा 34.09 करोड़ रुपए खर्च किए। सभी पार्टियों को मिले कुल चंदे का 74.57% हिस्सा अकेले भाजपा को मिला। बाकी 5 दलों को 25.43% चंदा मिला।
चंद्रबाबू सबसे अमीर CM, ममता ₹15 लाख के साथ सबसे गरीब
30 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट से पता चला कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 931 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। वहीं, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी 15 लाख रुपए की संपत्ति के साथ सबसे गरीब हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-2024 में जहां भारत की प्रति व्यक्ति नेट नेशनल इनकम (NNI) करीब 1 लाख 85 हजार 854 रुपए रही, वहीं एक मुख्यमंत्री की औसत आय 13 लाख 64 हजार 310 रुपए थी।
यह भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय से करीब 7.3 गुना ज्यादा है। 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 52.59 करोड़ रुपए, जबकि कुल संपत्ति 1,630 करोड़ रुपए है।
मौजूदा विधायकों की कुल संपत्ति
4092 मौजूदा विधायकों की कुल संपत्ति 73,348 करोड़ रुपये है. यह नागालैंड के 23,086 करोड़ रुपये, त्रिपुरा के 26,892 करोड़ रुपये और मेघालय के 22,022 करोड़ रुपये के 72,000 करोड़ रुपये के संयुक्त वार्षिक बजट (2023-24) से अधिक है.
मौजूदा विधायकों की पार्टीवार कुल संपत्ति
विश्लेषण किए गए 1653 भाजपा विधायकों की कुल संपत्ति 26,270 करोड़ रुपये है. वहीं, 646 कांग्रेस विधायकों की संपत्ति 17,357 करोड़ रुपये है. इसके अलावा 134 टीडीपी विधायकों की संपत्ति 9,108 करोड़ रुपये, 64 निर्दलीय विधायकों की संपत्ति 2,388 करोड़ रुपये, 59 शिवसेना विधायकों की संपत्ति 1,758 करोड़ रुपये और 132 डीएमके विधायकों की कुल संपत्ति 1,675 करोड़ रुपये है.
1653 भाजपा विधायकों की कुल संपत्ति 26,270 करोड़ रुपये है, जो सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के व्यक्तिगत वार्षिक बजट (2023-24) से अधिक है.