नई दिल्ली 14 नवंबर। कोचिंग संस्थान किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में चयन की 100 फीसदी गारंटी जैसे झूठे दावों से अब युवाओं को गुमराह नहीं कर सकेंगे। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर शिकायतें मिलने के बाद केंद्र सरकार ने भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने साफ किया कि नियमों के उल्लंघन पर 50 लाख रुपये तक जुर्माना व बार-बार शिकायत मिलने पर लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
नियमों में कोचिंग संस्थानों को पाठ्यक्रमों व अवधि संकाय साख, शुल्क संरचना, चयन दरों व परीक्षा रैंकिंग और गारंटीकृत चयन के बारे में झूठे दावे करने से प्रतिबंधित किया है। साथ ही, कोचिंग को अकादमिक मदद, शिक्षा, मार्गदर्शन, अध्ययन कार्यक्रम व ट्यूशन को शामिल करने के लिए परिभाषित किया गया है, पर परामर्श, खेल और रचनात्मक गतिविधियों को बाहर रखा है।
सहमति के बिना सफल उम्मीदवारों के नाम का इस्तेमाल नहीं
नए निर्देशों के अनुसार, कोचिंग संस्थान चयन के बाद लिखित सहमति के बिना सफल उम्मीदवारों के नाम, फोटो या प्रशंसापत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। डिस्क्लेमर को उन्हें प्रमुखता से दिखाना और पाठ्यक्रमों का खुलासा करना होगा। विद्यार्थियों को सत्यापित करने की सलाह दी है कि सफल उम्मीदवारों ने असल में किस कोर्स में प्रवेश लिया था।
अब तक 54 नोटिस जारी 54.60 लाख रुपये जुर्माना
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि कोचिंग संस्थान जानबूझकर विद्यार्थियों से जानकारी छिपाते हैं। प्राधिकरण ने अब तक 54 नोटिस जारी कर 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्होंने कहा, सरकार कोचिंग संस्थानों के खिलाफ नहीं है, पर विज्ञापनों से उपभोक्ता अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। उन्हें विज्ञापनों में सभी जानकारियां स्पष्ट बतानी होंगी।