मेरठ 04 मार्च (प्र)। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य डा. सुषमा गौडियाल के सामने सफाई कर्मचारी नेताओं ने नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि निगम में सफाई कर्मियों को न तो काम के दौरान सुरक्षा उपकरण किट उपलब्ध कराई जाती है न ही सफाई उपकरण । खतरनाक काम करने के बावजूद सफाई कर्मियों की न स्वास्थ्य जांच कराई जाती है न ही चिकित्सा शिविर लगाया जा रहा है। इन्हें लेकर निगम अधिकारी झूठ बोलते हैं। डा. सुषमा ने समस्याओं को लेकर अधिकारियों से सवाल जवाब किए। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सफाई कर्मचारियों का सम्मान कर रहे हैं और नगर निगम अधिकारी उनकी उपेक्षा । यह नहीं चलेगा। वे जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगी।
आयोग सदस्य डा. सुषमा गौडियाल ने सोमवार को सर्किट हाउस में प्रशासन, पुलिस, नगर निकाय समेत सभी विभागों के जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई थी। सफाई कर्मचारी नेताओं ने कर्मचारियों की समस्याएं गिनाई तो उन्हें गुस्सा आ गया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी से पूछा तो उन्होंने दावा किया कि स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। इतना सुनकर सफाई कर्मचारी नेता विनेश विद्यार्थी बोले, निगम के अधिकारी झूठ बोलते हैं। वे विधायक और सांसद के पत्र पर भी कार्रवाई नहीं करते। डा. सुषमा ने कहा कि अधिकारियों को सफाई कर्मियों के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा। सफाई कर्मचारी अपनी बात नहीं कर पाते हैं। उसी का लाभ अधिकारी उठाते हैं। जिस दिन सफाई कर्मचारी हाथ उठा देंगे, उस समय ये क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि निगम अधिकारी महीने में दो बार सफाई कर्मियों से वार्ता करके उनकी समस्याएं जाने और समाधान करें। उन्हें योजनाओं की जानकारी दें। उनका लाभ दिलाएं। सफाईकर्मियों की समस्याएं बहुत ज्यादा हैं। प्रदेश और केंद्र तक वे नहीं पहुंच पाती हैं।
इस दौरान निगम के ठेकेदार के प्रतिनिधि से भी उन्होंने सवाल जवाब किए। अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने बताया कि नगर निगम सफाई कर्मियों को सुरक्षा उपकरण और वर्दी उपलब्ध कराता है। भविष्य निधि का भी पूरा पैसा निगम भुगतान कर रहा है। आयोग सदस्य ने जताई नाराजगी रू समाज कल्याण विभाग की योजनाओं का लाभ न मिल पाने पर आयोग सदस्य ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकांश सफाई कर्मचारी अशिक्षित हैं। वे आनलाइन आवेदन नहीं कर सकते। इन्हें विभागीय कर्मचारी लगाकर पूरा कराएं। इस दौरान सफाई कर्मचारी नेता विनेश विद्यार्थी ने कहा कि निगम में आउटसोर्सिंग पर 2413 सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। जिसका ठेका गैर पंजीकृत एजेंसी के पास है। उप श्रम आयुक्त की जांच में भी यह सामने आया है। सुभाष गोस्वामी ने संविदा की व्यवस्था को वापस शुरू कराने के साथ ही समान कार्य समान वेतन दिलाने और अधिकारियों को हर महीने वार्ता का निर्देश देने की मांग की। कैलाश चंदौला ने निगम में स्वीकृत खाली पदों पर नियुक्ति कराने की मांग की। आरोप लगाया कि सफाई कर्मियों को किसी भी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। बैठक में डा. चरण सिंह लिसाड़ी, सिटी मजिस्ट्रेट नवीन श्रीवास्तव, एसडीएम रश्मि, सीएमओ डा. अशोक कटारिया, समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह मौजूद रहे।
नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनेश मनोठिया ने इस दौरान दावा किया कि सफाई कर्मचारियों की निगम स्तर पर कोई समस्या नहीं है। उनके भुगतान भी हो रहे हैं। जो समस्याएं हैं वे सभी शासन स्तर की हैं।