तेलंगाना 29 जून। आज सुबह कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता धर्मपुरी श्रीनिवास के निधन से सियासी गलियारों में मातम का माहौल है। पूर्व मंत्री और आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे श्रीनिवास ने 76 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। हालांकि बतौर राजनीतिज्ञ उनका सियासी सफर बेहद शानदार रहा है।
धर्मपुरी श्रीनिवास तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 27 सितंबर 1948 को निजामाबाद शहर में हुआ था। यहां स्थित निजाम कॉलेज से उन्होंने स्नातक किया और फिर सत्ता के गलियारों का रुख कर लिया। दरअसल श्रीनिवास आंध्र प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री अर्गुल राजाराम के भतीजे हैं। इसलिए श्रीनिवास की राजनीति में हमेशा से दिलचस्पी रही है।
धर्मपुरी श्रीनिवास ने 1989 में पहला चुनाव लड़ा था। आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में श्रीनिवास निजामाबाद से चुनावी मैदान में उतरे। इस सीट से वो एक या दो बार नहीं बल्कि तीन बार विजयी बने। 1989 के बाद 1999 और 2004 में श्रीनिवास यहां के विधायक रहे हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज विधायकों में होती थी। कांग्रेस सरकार में श्रीनिवास आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।
हालांकि 2004 के बाद श्रीनिवास को राजनीति में कामयाबी नहीं मिली। 2009 के चुनाव से लेकर 2010 के उपचुनाव और 2012 के चुनाव में उन्हें बीजेपी से हार मिली। तो वहीं 2014 के चुनाव में बीआरएस पार्टी ने श्रीनिवास को शिकस्त दे दी।
2004 से लेकर 2011 तक धर्मपुरी श्रीनिवास आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने 2004 और फिर 2008 में श्रीनिवास को आंध्र प्रदेश में पार्टी का कार्यभार सौंपा। हालांकि 2014 के चुनाव में हारने के बाद 2015 में श्रीनिवास ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
धर्मपुरी श्रीनिवास 2016 में भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) में शामिल हो गए। इस दौरान श्रीनिवास 2016 से 2022 तक राज्यसभा सांसद रहे। श्रीनिवास के दो बेटे हैं। उनके बड़े बेटे संजय निजामाबाद का पूर्व मेयर रह चुके हैं तो छोटे बेटे अरविंद धर्मपुरी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर निजामाबाद से सांसद हैं। 2023 में श्रीनिवास ने बड़े बेटे संजय के साथ फिर से कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया था।