Date: 08/09/2024, Time:

फर्श से अर्श तक पहुचे ब्रिटेन के नए पीएम को बधाई ,भारत से कायम रखेंगे शुभ संबंध

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दो सितंबर 1962 को लन्दन में एक कारखाने में औजार बनाने वाले कारीगर और नर्स माँ के यहां जन्मे ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री का जीवन बाद ही कष्ट भरा रहा लेकिन जितना समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है उस से पता चलता है कि 650 में से 412 सीट जीत 14 साल बाद अपनी पार्टी को सत्ता तक पहुचाने में सफल स्टार्मर ब्रिटेन के 58वें प्रधानमंत्री बने ।
अपने जीवन के शुरुआती दौर में 11वी तक की पढ़ाई के बाद ग्रामर सचूल में दाखिल खेल कूद व म्यूजिक पसंद करने वाले सर कीर स्टार्मर के वर्षों तक शाकाहारी रहे वो भगवान में तो यकीन नही करते लेकिन अपनी माता जो भयंकर बीमारी से जूझती रही उनसे भावनात्मक लगाव सबसे ज्यादा रखते।
एक छोटे से गंदे कमरे में तथा वैश्यालय की छत पर रहने और पढ़ने वाले सर कीर स्टार्मर का जीवन भी कुछ कुछ हमारे भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जैसा ही नजर आता है । क्योंकि कह कोई कुछ भी ले उन्होंने भी जीवन के शुरुआती गुरवत से भरे दिनों में चाय बेचीं और अन्य भी ऐसे अनेक काम करे जो गरीब परिवार के बच्चे करते हैं लेकिन इस जमीनी संघर्ष में वो आम आदमी की समस्याओं और भ्रष्ट से देश को कैसे बचना है यह तो जान ही गए थे स्वाम और देश को सम्मान दिलाने के के साथ साथ आगे कैसे बढ़ा जाता है यह हमारे पीएम से ज्यादा शायद कोई नही जानता।
कश्मीर पर लेबर पार्टी का रुख बदलकर ब्रिटेन के पीएम तक पहुचे सर कीर स्टार्मर अपने कार्यकाल में क्या रुख अपनाते है यह तो एक अलग बात है लेकिन फिलहाल भारत के प्रति जो विचार उन्होंने व्यक्त किया तथा जिस प्रकार से हमारे पी एम नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें अपनी शुभकामनाए दी उस से यह लगता है कि ब्रिटैन और भारत के संबंध अत्यंत मजबूत रहेंगे ।
ब्रिटेन की संसद में इन चुनावो में जीतकर पहुचे 26 भारतीय मूल के सांसद भी अपनी जिम्मेदारियो का निर्वहन करते हुए अपनी मूल भूमि के प्रति सद्भावना रखेंगे आशा है। इन्ही भावनाओ के साथ नवनिर्वाचित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर स्टार्मर को और सभी जीते सांसदों को बधाई इस आशा के साथ ही कि पूर्ण बहुमत वाली लेबर पार्टी की सरकार देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भारत के साथ शुभ रिश्तों को बढ़ावा देते रहेंगे । लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बने सर कीर स्टार्मर की जीत से ऐसा आभास हो रहा है कि अब दुनिया में मतदाता जमीन से जुड़े आम आदमी की समस्याओं की जानकारियां और गरीब को क्या क्या कष्ट झेलने पड़ते है ऐसे प्रष्ट भूमि वाले नेताओं को जिताकर सरकार बनाने का मौका दे रहे है फिलहाल भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री और भी ऐसे प्रमुख लोग हो सकते है और नही है तो आगे जो परेशनिया अब नई नई खडी हो रही है उनके सरल समाधान हेतु ऐसे ही लोगों के हाथ में देश की बागडोर दिया जाना मुझे लगता है उचित होगा ।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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