सड़कों और फुटपाथों पर अवैध कब्जे और निर्माणों को लेकर अनेक मौकों पर शासन और अदालत द्वारा टिप्पणी करने के साथ साथ निर्देश दिए जाते रहे हैं लेकिन वो सब दो चार दिन की चर्चा के साथ या तो फाइलों में बंद हो जाते हैं या कार्रवाई के चक्रव्यूह में फंसाकर उन्हें बीरबल की खिचड़ी के समान बना दिया जाता है। आए दिन सड़कों पर लगने वाले जाम को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और दोषियों की कार्यप्रणाली पर लगाम ना लगाए जाने का परिणाम है कि अब फुटपाथ और ज्यादातर सड़कें समाज रखकर या निर्माण कर घेर ली जाती है इसीलिए जाम की समस्या पैदा होती है इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। वर्ष में कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए जाते हैं लेकिन यह हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और के अलावा कुछ नहीं होते है। मगर क्योंकि कोई ठोस कार्रवाई दोषियों के खिलाफ नहीं हो पाती इसीलिए कम होने की बजाय सबके प्रयासों के बावजूद भी निर्माण अतिक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं जबकि सभी जिलों में इसको लेकर पुलिस प्रशासिनक अधिकारी योजना बनाते हैं अभियान चलाते हैं लेकिन परिणाम ढाक के पात के समान नजर आता है। जिस कारण ना तो नालों की सफाई होती है और ना आवागमन सुगम बनता है। बताते हैं कि अरबो रूपया इस काम के लिए जनसुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु शासन विभागों को देता है मगर सुधार के नाम पर वो ही पुराने परिणाम और तस्वीर सामने होती है। संबंधित बयानबाजी कर अपने काम की इतिश्रि कर लेते हैं।
मगर आज एक समाचार पत्र में यह खबर पढ़कर कि यातायात पुलिस देगी मेडा को नोटिस से एक सुकुन महसूस हुआ और आशा बनी कि शायद अब कुछ सुधार हो सकेगा। सही मायनों में अब से पहले जाम की जड़ में जाने को तैयार नहीं था लेकिन अब यातायात पुलिस मेडा को जो नोटिस देने जा रही है जिसकी पुष्टि एसपी यातायात ने भी की महत्वपूर्ण है। क्योंकि जो सैंकड़ों की तादात में अवैध निर्माण भूमाफियाओं ने कर नागरिकों के सामने समस्या खड़ी की है और मेडा आवास विकास और छावनी परिषद के अधिकारी खामोश बैठे रहते हैं अब शायद ऐसा ना हो पाए क्योंकि अवैध कॉम्पलैक्सों में रोड पर पार्किंग किए जाने और उनके बाहर खड़े होने के संबंध में मेडा को नोटिस देकर एसपी टैªफिक करने जा रहे हैं वो नागरिकों के लिए सहुलियत की मुहिम की शुरूआत कह सकते हैं। मेरा मानना है कि एसपी टैªफिक इस बारे में मंडलायुक्त ओैर डीएम का ध्यान दिलाएं कि जो अवैध निर्माण हो रहे हैं असली जाम का कारण यही बनते हैं। फिलहाल तो शुरूआत ही सही एसपी टैफिक को धन्यवाद देते हुए उनकी सराहना की जानी चाहिए क्येांकि उनके प्रयास रंग लाए तो कारगुजारी जो मेडा की चल रही है जिसके चलते परेशान जनता को राहत मिलेगी।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
एसपी ट्रैफिक की सराहनीय पहल! अवैध कॉम्पलैक्सों के लिए मेडा को नोटिस भेजने की चर्चा जाम से मुक्ति की हो सकती है शुरूआत
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