Date: 22/12/2024, Time:

पीएम और सीएम की जनहित में सराहनीय पहल! कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले सेवानिवृत्त अभियंताओं पर हुए मुकदमे आय से अधिक संपत्ति की शुरू हुई जांच समय से पहले सेवानिवृत होंगे करप्शन को बढ़ावा देने वाले

0

दुनियाभर में भवन सड़क पुल सहित विकासशील देशों की श्रेणी में बने रहने के लिए जो कार्य किए जाते हैं चाहे वो किसी भी क्षेत्र में क्यों ना हो उनमें हमारे इंजीनियर आदि की हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका रही है। क्योंकि बिना इनकी तकनीकी के सहयोग के आसानी से कोई भी नया निर्माण आदि संभव नहीं है। इसलिए एक समय देशभर में डॉक्टरों के साथ साथ इंजीनियरों की बड़ी मांग और सम्मान हुआ करता था। मां बाप अपने बेटियों के लिए रिश्ता ढूंढने की शुरूआत करते थे तो सबसे पहले जिन वर्ग के युवाओं पर ध्यान दिया जाता था उनमें इंजीनियर भी शामिल होते थे। धीरे धीरे समय आगे बढ़ता गया। इंजीनियरों की मांग तनख्वाह व सुविधा बेहिसाब बढ़ गई लेकिन कुछ इससे संतुष्ट ना होकर सुख सुविधा बैंक बैलेंस बढ़ाने के लिए जो काम उन्हें दिया जाता है उसे जोंक की तरह चाटना शुरू कर देते हैं। नागरिकों की इस राय के हिसाब से वर्तमान में जो दिखाई दे रहा है उससे उनकी राय में दम नजर आता है। देश में सबसे ज्यादा चर्चा रामपथ का निर्माण 844 करोड़ के बजट से हुआ लेकिन पहली ही बारिश में इसमें जगह जगह गडढे हो गए और यह धंस गया है। सरकार ने सख्त रूख अपनाते हुए इसके छह इंजीनियर सहायक इंजीनियर आदि को निलंबित कर दिया। दूसरी ओर प्रदेश सरकार के आदेश ना मानने और काम में लापरवाही बरतने पर नगर निगम लखनऊ और आगरा के दो दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। तो मेरठ जनपद के तहसील मवाना के बहसूमा रामराज के व्यापारियों ने बनी सड़क में समय से पूर्व ही हो गए गडढों को लेकर मेरठ पौड़ी हाईवे पर जाम लगाया। यहां भी किसी ना किसी रूप में ठेकेदार और इंजीनियर की मिलीभगत के ही परिणाम बताए जा रहे हैं। यहां एनएचएआई अधिकारियों को मौके पर बुलाकर मार्ग जाम किया गया। जिसे जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है और बताते हैं कि शीघ्र ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। देश की राजधानी दिल्ली में हुई पहली बारिश में ही एयरपोर्ट की छत गिरी हवाई अडडे की पार्किंग में हुए हादसे मेें एक की मौत हो गई और कई गाड़ियां दब गई। इसमें भी कहीं ना कहीं इंजीनियरों की ही लापरवाही की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। इस घटना को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना को भ्रष्टाचारी मॉडल की मिसाल करार दिया और कहा कि पिछले दस वर्षो में बने बुनियादी ढांचे ताश के पत्तों की तरह ढह रहे हैं। बताते चलें कि बिहार में पिछले दस 11 दिन में पांच पुल ढह गए। जिनके लिए सीधे सीधे इनका निर्माण कराने वाले अभियंताओ को ही दोषी ठहराए जाने में किसी को ऐतराज होता नजर नहीं आ रहा है। यूपी सरकार ने भी भ्रष्टाचार में 15 इंजीनियरों पर केस किया और योजनाओं की पैमाइश में लापरवाही पर छह एसडीएम पर कार्रवाई होने जा रही है तथा अलीगढ़़ में सिचांई विभाग के इंजीनियर बलराम सिंह यादव कानपुर के तत्कालीन अभियंता कुनाल कुलश्रेष्ठ अवधराज यादव, अनिल, रणवीर सिंह इटावा के कुलदीप सिंह, कानपुर के तत्कालीन अभियंता सुरेश चंद शर्मा मुख्य अभियंता आदेश कुमार गोयल लखनऊ के तत्कालीन अभियंत शिवराम नीरज कुमार ललितपुर के महेंद्र कुमार मीणा झांसी के मुख्य अभियंता नवनीत कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के साथ ही तीन के खिलाफ आय के अधिक संपत्ति के केस दर्ज हुए। इनमें सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता नीरज रस्तौगी ब्रजपटेल कमलेश केसरी आदि के नाम शामिल हैं।
दूसरी तरफ दिशा निर्देशों का पालन ना करने से नाखुश केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों से कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा करने को कहा है ताकि खराब प्रदर्शन करने वालों को समय से पहले सेवानिवृत किया जा सके। 15 इंजीनियर एसडीएम के खिलाफ यूपी में कार्रवाई केंद्र द्वारा काम में लापरवाही करने वाले अफसरों को समय से पूर्व रिटायर करने की शुरू की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि अब केंद्र और प्रदेश की सरकारें भ्रष्टाचारियों काम में लापरवाही करने वालों और शासन के निर्देशों को ना मानने वालों व योजनाओं को लागू करने में आनाकानी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही का मन बना लिया गया है। तीन अभियंताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे दर्ज कराना लापरवाही बरतने पर छह एसडीएम पर कार्रवाई उसी का प्रथम चरण कह सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के शुरूआत में जो समय से पूर्व अयोग्य अधिकारियों को सेवानिवृति देने और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भावना और नीति को समझकर जो 15 इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है वो समय की मांग तो है ही सरकारी कार्याे को भ्रष्टाचार मुक्त समय से पूरा कराने की एक अच्छी शुरूआत कही जा सकती है। मुख्यमंत्री जी हर नागरिक चाहता है कि योजनाओं का लाभ उसे मिले और विकास हो। पैसे का उपयोग कर विकास कार्य हो। आपके इन दोनों फैसलों से ऐसा संभव भी है। जरूरत है प्रदेशभर में प्राधिकरणों आवास विकास और नगर निगमों सहित कुछ विकास और जनता से संबंधित कार्यों के विभागों में तैनात कुछ निरंकुश अधिकारियों की भी लगाम कसी जानी चाहिए और इन विभागों में तैनात रहे पिछले दस में जिन जिन इंजीनियरों पर जो भी आरोप लगे हो उनकी फाइल खुलवाकर जांच कराई जाए तो मुझे लगता है कि हर व्यक्ति को लाभ आसानी से उपलब्ध होगा। चारों तरफ विकास कार्य पुख्ता हो जाएंगे। बस थोड़ी सी इन विभागों के अफसरों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply