रुद्रप्रयाग 01 अगस्त। उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही मच गई. केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बादल फट गया जिससे पैदल मार्ग का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया. मूसलाधार बारिश से गौरीकुंड में भी मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ गया. केदारनाथ यात्रा पर गए 250 श्रद्धालु भीमबली में फंसे हुए हैं. इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वाईएमएफ की टीमें रवाना की गई हैं. राज्य के कई इलाकों में भूस्खलन, सड़क-पुल बहने, नदी-नाले उफान पर होने की खबरें हैं.
भारी बारिश से अलग-अलग स्थानों पर 10 लोगों की जान चली गई है. सुरक्षा को लेकर पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. राजधानी देहरादून में बारिश के पूर्वानुमान के चलते गुरुवार को शहर के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की छुट्टी की गई है. भारी बारिश के चलते चकराता रोड स्थित बिंदाल नदी का जल स्तर बढ़ गया है. हरिद्वार के एक गांव में बारिश से मकान की छत ढहने से दो बच्चों समेत तीन की मौत हो गई. हादसे में 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.
भारी बारिश ने राज्य में तबाही मचा दी है. रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ पैदल मार्ग में भीमबली के पास बादल फटने से 250 श्रद्धालु फंस गए. भारी बारिश के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में भीमबली-जंगलचट्टी के बीच बादल फट गया, जिससे पैदल मार्ग का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया. हालांकि रात में बिजली गुल होने से अंधेरा होने की वजह और कनैक्टिविटी न होने से प्रशासन को स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई. किसी तरह की जनहानि की भी कोई सूचना नहीं है. पुलिस और प्रशासन ने भीमबली में केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले 250 यात्रियों को रोका है.
भारी बारिश से गौरीकुंड में मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ गया जिस कारण वहां से लोग घबराकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए. पुलिस ने एहतियात के तौर पर गौरीकुंड और सोनप्रयाग पार्किंग को खाली कराया गया है. पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग में भारी बारिश हो रही है. भीमबली-जंगलचट्टी के बीच भूस्खलन की सूचना मिली है. बिजली और कनेक्टिविटी न होने से पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है. 250 यात्रियों को भीमबली में रोका गया है. जबकि पूरे यात्रा मार्ग पर पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. सोनप्रयाग से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वाईएमएफ की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है.
पुलिस के मुताबिक, सोनप्रयाग मुख्य बाजार से तकरीबन 01 किमी आगे सड़क का काफी हिस्सा नदी के कटाव एवं पहाड़ी दरकने से वाश आउट हो गया है. यहां पर फिलहाल किसी भी प्रकार की पैदल आवाजाही भी सम्भव नहीं है.
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते उत्तराखंड में 126 रास्ते बंद हो गए हैं। राज्य का पिथौरागढ़ जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जिसमें पिथौरागढ़- तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग, एक बॉर्डर रोड और 23 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है। रुद्रप्रयाग में 10, बागेश्वर में 8, चंपावत में दो, जबकी टिहरी में 11 मोटर मार्ग बंद है। उत्तरकाशी में तीन राज्य मार्ग और 6 ग्रामीण मोटर मार्ग, देहरादून में एक राज्य मार्ग और 17 ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित हैं। अल्मोड़ा में एक राज्य मार्ग एक अन्य जिला मार्ग और एक ग्रामीण मोटर मार्ग, बाधित है। चमोली में एक मुख्य जिला मार्ग और 22 ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित है। उधम सिंह नगर में एक मुख्य जिला मार्ग और 22 ग्रामीण मोटर मार्ग भूस्खलन और आपदा से बाधित है।
ऐसे में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हेल्पलाइन नंबर जारी करते हुए कहा है कि पहाड़ों में अत्यधिक बरसात हो रही है कृपया सावधान और सतर्क रहें और आपस में एक दूसरे के संपर्क में रहें! किसी भी दैवीय आपदा/घटना/दुर्घटना/मार्ग अवरुद्ध/क्षति की सूचना इन सम्पर्क नंबरों पर देने का कष्ट करें।