सहारनपुर 04 मई। हकीकतनगर स्थित मंडलीय कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय से एक वरिष्ठ लिपिक को भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम ने 1.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मुजफ्फरनगर के बर्खास्त होमगार्ड की बहाली के लिए रुपये लिए जा रहे थे। इस मामले एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रभारी ने लिपिक व मंडलीय कमांडेंट के खिलाफ भी कोतवाली सदर बाजार में केस दर्ज कराया है।
एंटी करप्शन प्रभारी सुभाष चंद्र ने बताया कि जनपद मुजफ्फरनगर की गांधी कॉलोनी निवासी अनिल कुमार होमगार्ड था, जिसे 2020 में बर्खास्त किया गया था। अनिल कुमार ने 27 अप्रैल को सहारनपुर के हकीकतनगर स्थित मंडलीय कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक दिनेश कुमार मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि वह उसे दोबारा नौकरी दिला देंगे। इसके एवज में डेढ़ लाख रुपये मांगे। इसकी शिकायत एंटी करप्शन से की गई। शुक्रवार को अनिल कुमार रुपये लेकर मंडलीय कार्यालय पर पहुंच गया। अनिल कुमार जैसे ही लिपिक दिनेश कुमार को डेढ़ लाख रुपये दिए तो टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया। जिसे कोतवाली सदर बाजार लाया गया। एंटी करप्शन ब्यूरो प्रभारी सुभाष चंद्र ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि मंडलीय कमांडेंट अजय कुमार पांडे के कहने पर उसने रुपये लिए थे। इसके बाद लिपिक और मंडलीय कमांडेंट के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। जिसमें लिखा गया मंडलीय कमांडेंट के इशारे पर रिश्वत की रकम ली गई थी।
मंडलीय कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय से वरिष्ठ लिपिक की गिरफ्तारी के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। बर्खास्त होमगार्ड अनिल कुमार ने बताया कि जब उससे रुपये मांगे गए तो उसने असमर्थता जताई थी, लेकिन उसे कहा गया कि रुपये बड़े अधिकारियों के पास भी जाएंगे। अगर नौकरी चाहिए तो रुपये देने होंगे। डेढ़ लाख रुपये में सौदा होने के बाद अनिल कुमार ने ब्याज पर यह रकम ली, साथ ही एंटी करप्शन में शिकायत की। जिस तरीके से वरिष्ठ लिपिक ने विभागीय अधिकारी का नाम लिया है उससे आशंका है कि ऊपर तक मिलीभगत का खेल चल रहा था। हालांकि यह जांच का विषय है।