asd सेवानिवृति के बाद कोई सरकारी पद स्वीकार ना करने की बात कहकर सीजेआई संजीव खन्ना ने दिया महत्वपूर्ण संदेश

सेवानिवृति के बाद कोई सरकारी पद स्वीकार ना करने की बात कहकर सीजेआई संजीव खन्ना ने दिया महत्वपूर्ण संदेश

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बीती 13 मई को देश के 51वें सीजेआई के पद से सेवानिवृत हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रिटायरमेंट के बाद वो कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे। सेवानिवृति के दिन अनेक कनिष्ठ और वरिष्ठ वकीलों ने अदालत में ही जस्टिस खन्ना को इस मौके पर उनके कार्यों के लिए बधाई देते हुए उनके सुखद जीवन की शुभकामनाएं दी और कहा कि फैसलों में उनकी निष्पक्षता और न्याय के प्रति दृढ़ता हमेशा याद की जाएगी। अपने प्रति शुभकामनाएं सुनने के बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि मैं यहां से बहुत सारी यादें लेकर जा रहा हूं। जो बहुत अच्छी हैं और हमेशा याद रहेंगी। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर एक में सीजेआई खन्ना के साथ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय कुमार मौजूद रहे और उन्होंने भी जस्टिस खन्ना की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने भी अपनी एक अलग विरासत छोड़ी है। इस मौके पर संजीव खन्ना ने सेवानिवृति के बाद एक नई लकीर खींचने की कोशिश की और घोेषणा की कि कोई सरकारी पद अब नहीं लेंगे। लेकिन खाली भी नहीं बैठेंगे। तीसरी पारी शुरू करने के लिए कानून से संबंध काम करेंगे। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में जो जनता का भरोसा है उसे हासिल नहीं किया जा सकता। उसे अर्जित करना पड़ता है।
अटॉनी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल आदि भी शुभकामनाएं और बधाई लेकर अपनी सारगर्भित न्यायिक सेवा और गौरवमयी आचरण के लिए तो सीजेआई संजीव खन्ना याद किए ही जाएंगे लेकिन सबसे बड़ी बात जो उनकी याद की जाए और अन्य के लिए सबक भी है और इससे जो अन्य पात्र है और सरकारी सेवाओं में नहीं रहे उन्हें भी उच्च पद पर रहकर कार्य करने का अवसर उपलब्ध होने की संभावनाएं बढ़ेंगी तथा न्यायिक व्यवस्था से जुड़े रहने से कुछ ऐसे लोगेां को भी न्याय मिलने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता जो महंगाई के युग और आर्थिक तंगी के चलते अपनी पैरवी खुद तो कर ही नहीं पाते किसी मजबूत और सक्षम शख्सियत से उन्हें मार्गदर्शन भी नहीं मिल पाता है। क्योंकि सीजेआई संजीव खन्ना ने धारा 370 हटाने को सही ठहराया था। चुनावी बॉड योजना को खारिज करना, दिल्ली शराब घोटाले में आरोपित सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के फैसले में शामिल के अतिरिक्त उन्होंने जस्टिस वर्मा के घर नकदी मिलने और मिलने वाली अन्य सामग्री वेबसाइट पर अपलोड करके सार्वजनिक की थी। इसके अलावा उनके ऐसे अनेक फैसले हो सकते हैं जो जनहित में मजबूत आधार रखते हेांगे। कुल मिलाकर सेवानिवृत सीजेआई के इस फैसले की कि अब कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करूंगा की जितनी सराहना की जाए वो कम है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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