अमर सेनानी राजा नरपत सिंह को याद करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी द्वारा हरदोई में कहा गया कि अमर सेनानियों के स्मारक आधुनिक भारत के तीर्थ है। यहां 15 अप्रैल को मनाए जाने वाले विजय दिवस के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक लाने के लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह साहब का आभार जताया। और कहा कि दंगाईयों का इलाज केवल डंडा ही हो सकता है। बंगाल में दंगाईयों को पूरी छूट मिली है। वक्फ का विरोध करने के नाम पर लेकिन लातों के भूत बातों से नहीं मानते। यूपी के सीएम द्वारा यहां 700 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। यूपी के सीएम साहब जो कह रहे हैं वो बिल्कुल ठीक होगा। पूर्व की सरकारों में क्या होता था और बांग्लादेश में क्या चल रहा है इस पर तो केंद्र व प्रदेश सरकारें ही सोच सकती है।
लेकिन मेरा मानना है कि यह जो डंडा है यह दंगाईयों के साथ आर्थिक अपराधियों मुनाफाखोरो भूमाफियाओं और सरकारी नीतियों के खिलाफ चलने वालों पर भी उपयोग किया जाना चाहिए। क्योंकि कपड़ों की तरह विचार और दल बदलने वालों के साथ अपने आप को सत्ताधारी दल का समर्थक बताकर जो सरकारी नीतियों को लागू नहीं होने दे रहे और जो योजनाएं बन रही है उनका लाभ पात्र व्यक्ति को नहीं होने दे रहे। ऐसे लोगों को अधिकारी जनप्रतिनिधियों की खामोशी के चलते कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। योगी जी आपके सपने साकार हो।
देश प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए बजट को आपकी योजना के हिसाब से खर्च कर पाएं और सरकारी जमीन घेरकर बेचने वाले और उनकी मदद करने वालों को समय से पूर्व सेवानिवृति देने की योजना लागू की जाए। जो लोग मोदी जी के सपनों का भारत बनने में अपनी अपराधिक सोच या गतिविधियों से योजना को प्रभावित कर रहे हैं बिना यह सोचे कि किस पार्टी का झंडा लगाए घूम रहा है इन पर यह डंडा चलाने और इन्हें सबक सिखाने की बड़ी आवश्यकता है। क्योंकि जब तक यह नहीं सुधरेंगे तब तक सरकार की आर्थिक स्थिति कमजोर होती रहेगी और फैसले प्रभावित होते रहेंगे। इसलिए कई बार प्रधानमंत्री और बड़े नेता कह चुके हैं कि अपराधी गठजोड़ तोड़ना होगा क्योंकि जब तक ऐसे लोगों को कमजोर नहीं किया जाएगा सरकारी नियम कानूनों का लाभ आम आदमी को नहीं मिलेगा।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
मुख्यमंत्री जी कपड़ो की तरह पार्टी बदलने और उनके सहयोगी आर्थिक अपराधियों पर भी डंडा चलाने की है आवश्यकता, यह भी लातों के भूत हैं बातों से नहीं मानने वाले
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